मप्र RESCO मॉडल से रचेगा नया कीर्तिमान
Solar Energy: भोपाल। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के वर्ष 2030 तक 500 गीगावाट नवकरणीय ऊर्जा उत्पादन के लक्ष्य की ओर देश तेज़ी से बढ़ रहा है, और मध्यप्रदेश इस दिशा में अग्रणी भूमिका निभा रहा है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के नेतृत्व में राज्य सरकार ने “प्रधानमंत्री सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना” को तीव्र गति से लागू करते हुए, दिसंबर 2025 तक प्रदेश के सभी शासकीय भवनों को सौर ऊर्जा से सुसज्जित करने का लक्ष्य तय किया है। यह जानकारी नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री राकेश शुक्ला ने देते हुए कहा कि सरकार द्वारा RESCO (Renewable Energy Service Company) मॉडल के अंतर्गत सभी जिलों में अलग-अलग निविदाएं जारी कर दी गई हैं।
☀️ RESCO मॉडल: ‘शून्य निवेश, पहले दिन से बचत’
मंत्री शुक्ला ने बताया कि इस योजना में शासकीय विभागों को सोलर संयंत्र लगाने के लिए कोई निवेश नहीं करना होगा। RESCO मॉडल के तहत सौर संयंत्र लगाने वाली कंपनियां खुद ही स्थापना और रखरखाव का खर्च वहन करेंगी। शासकीय संस्थानों को केवल उपयोग की गई बिजली के लिए प्रति यूनिट दर पर भुगतान करना होगा, जो कि सामान्य व्यावसायिक दर से काफी कम होगी। इससे सरकार को “नेट जीरो” सिद्धांत पर चलते हुए पहले दिन से ऊर्जा खर्च में बचत होने लगेगी। RESCO इकाई की कमाई पूरी तरह उत्पादन पर निर्भर होने के कारण वे उच्चतम उत्पादन की दिशा में कार्य करेंगी, जिससे विभागों को भी सीधा लाभ मिलेगा।
🔍 जिलावार प्रस्तावित सौर ऊर्जा परियोजनाएं (MW में):
जिला | प्रस्तावित क्षमता |
---|---|
भोपाल | 15.60 MW |
ग्वालियर | 5.26 MW |
इंदौर | 3.12 MW |
छिंदवाड़ा | 1.43 MW |
दतिया | 1.40 MW |
धार | 1.34 MW |
इन सभी जिलों के लिए अलग-अलग दरें RESCO विकासकों से मांगी गई हैं, और न्यूनतम दर के आधार पर कंपनियों का चयन किया जाएगा।
🏢 25 साल के अनुबंध, 100% रखरखाव RESCO द्वारा
योजना के अनुसार RESCO इकाइयां 25 वर्षों के लिए शासकीय भवनों की छतों पर सौर संयंत्र लगाएंगी। इस पूरी अवधि में रखरखाव और संचालन की ज़िम्मेदारी RESCO की होगी, जिससे शासकीय संस्थानों को तकनीकी जटिलताओं से मुक्त रखा जाएगा।
✅ पूर्व सफल प्रयोग – IIM, मेडिकल कॉलेज, पॉवर ग्रिड तक शामिल
मंत्री शुक्ला ने बताया कि वर्ष 2018 से 2020 के बीच प्रदेश के 133 शासकीय संस्थानों में RESCO मॉडल के तहत सोलर रूफटॉप संयंत्र लगाए जा चुके हैं। इनमें शामिल हैं:
- IIM इंदौर,
- NLIU भोपाल,
- AG कार्यालय ग्वालियर,
- SAI भोपाल,
- CAPT भोपाल,
- सरकारी मेडिकल कॉलेज (रीवा, खंडवा, दतिया, विदिशा, शिवपुरी)
- भारत सरकार का पॉवर ग्रिड कॉर्पोरेशन आदि।
ये सभी संयंत्र सफलतापूर्वक संचालित हो रहे हैं और ऊर्जा लागत में उल्लेखनीय कमी ला चुके हैं।
🌞 मध्यप्रदेश सौर ऊर्जा में बनेगा अग्रणी राज्य
मंत्री शुक्ला ने विश्वास जताया कि “प्रधानमंत्री सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना” के सफल क्रियान्वयन से मध्यप्रदेश आने वाले वर्षों में देश के अग्रणी सौर ऊर्जा उत्पादक राज्यों में शुमार होगा। यह योजना राज्य सरकार के पर्यावरणीय संतुलन, लागत में कमी और स्वच्छ ऊर्जा की दिशा में मजबूत कदम है।
साभार…
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