Thursday , 23 October 2025
Home Uncategorized Stir: उमा भारती के बदले तेवरों ने मचाई हलचल, व्यापम घोटाले का जिन्न फिर बाहर
Uncategorized

Stir: उमा भारती के बदले तेवरों ने मचाई हलचल, व्यापम घोटाले का जिन्न फिर बाहर

उमा भारती के बदले तेवरों ने मचाई

शिवराज पर इशारों में साधा निशाना

Stir: भोपाल। करीब दो दशक बाद भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की वरिष्ठ नेता और पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती ने एक बार फिर अपने पुराने फायरब्रांड अंदाज़ में वापसी की है। हाल ही में दिए गए उनके बयानों ने मध्यप्रदेश से लेकर दिल्ली तक की सियासत में हलचल मचा दी है। उमा भारती ने व्यापम घोटाले का ज़िक्र कर अपनी ही पार्टी की सरकारों में अपने और अपने परिवार के साथ हुई “प्रताड़ना” की बात कही है।

उमा भारती ने बिना नाम लिए इशारों-इशारों में पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान पर निशाना साधा, जिससे पुराने राजनीतिक मतभेद फिर सतह पर आते दिखाई दे रहे हैं। उन्होंने स्पष्ट तौर पर कहा कि जिन दो सरकारों के कार्यकाल में उनके परिवार को प्रताड़ित किया गया, उनमें एक भाजपा की ही सरकार थी।

“मैंने कभी नहीं कहा कि केवल बीजेपी को वोट दें। मैंने सिर्फ लोधी समाज को स्वतंत्रता दी है कि वे जिसे चाहें वोट दें,”
— उमा भारती का वायरल वीडियो

बीते वर्षों में उमा भारती राजनीतिक रूप से सक्रिय तो रहीं, लेकिन विवादों से दूरी बनाए रखीं। लेकिन अब उनके हालिया बयानों में छटपटाहट और पुरानी ताजगी लौटती नजर आ रही है। उन्होंने एक शेर के जरिए अपने जज्बात बयां करते हुए कहा —
“एहसास दिला दो कि मैं ज़िंदा हूं अभी।”

व्यापम का जिन्न और संगठन में खलबली

उमा भारती द्वारा व्यापम घोटाले का फिर से ज़िक्र करना न सिर्फ बीते घावों को कुरेदने जैसा है, बल्कि पार्टी नेतृत्व के लिए भी यह चिंता का विषय बन सकता है। भाजपा के संगठन में बीते कुछ वर्षों से एकरूपता और अनुशासन का वातावरण बना हुआ है, ऐसे में उमा भारती के तेवरों से असहजता महसूस की जा रही है।

राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यह कोई सामान्य बयानबाजी नहीं है। वरिष्ठ विश्लेषक प्रकाश भटनागर के अनुसार,

“उमा भारती हमेशा से अनप्रेडिक्टेबल रही हैं, लेकिन अब उनका यह बेबाक अंदाज़ उनकी राजनीतिक वापसी की ओर संकेत हो सकता है। यह पार्टी को एक संदेश भी है कि वे अब भी एक प्रभावशाली नेता हैं।”

2003 की यादें और अधूरी राजनीतिक यात्रा

ज्ञात हो कि वर्ष 2003 में भाजपा ने उमा भारती के नेतृत्व में मध्यप्रदेश में सत्ता हासिल की थी। लेकिन कर्नाटक के एक पुराने मामले के चलते उन्हें मुख्यमंत्री पद से हटना पड़ा और फिर जब वे लौटीं तो सत्ता की चाबी शिवराज सिंह चौहान के हाथ में चली गई। इसके बाद उमा भारती और उनके समर्थक लंबे समय तक हाशिए पर चले गए।

भाजपा में फिर उठेगा आंतरिक असंतोष?

अब जबकि 2028 में मध्यप्रदेश में विधानसभा चुनाव होने हैं और पार्टी संगठन में भी बदलाव की प्रक्रिया जारी है, उमा भारती के इन बयानों को लेकर पार्टी में एक बार फिर भीतरखाने चर्चा शुरू हो गई है। क्या उमा भारती खुद को फिर से राजनीति के केंद्र में लाना चाहती हैं या ये सिर्फ भावनात्मक विस्फोट है — इस पर फिलहाल अटकलें ही हैं।

साभार… 

Leave a comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Related Articles

Anticipatory bail: मुनगा कांड में आशा उपवंशी को हाईकोर्ट से मिली अग्रिम जमानत

बैतूल में पदस्थापना के दौरान हुई थी एफआईआर Anticipatory bail: जबलपुर(ई-न्यूज)। मध्यप्रदेश...

Awarded: बैतूल के शिल्पकार होंगे राष्ट्रीय स्तर पर पुरस्कृत

Awarded: बैतूल। भारत सरकार वस्त्र मंत्रालय की ओर से बैतूल के भरेवा...

Tightened screws: पैथालाजी लैबों पर सीएमओ ने कसा शिकंजा

बिना योग्य पैथोलॉजिस्ट के संचालित नहीं हो सकेंगी लैब Tightened screws: बैतूल।...

Big gift: Diwali से पहले लाड़ली बहनों को बड़ी सौगात

बहनों की मुस्कान ही मेरी दीपावली Big gift: भोपाल | मुख्यमंत्री डॉ....