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Story: गुना के ‘मिल्खा सिंह’: गोपी गौड़ की प्रेरणादायक कहानी

गुना के 'मिल्खा सिंह': गोपी गौड़

Story: गुना के गोपी गौड़, जिन्हें लोग प्यार से गुना का मिल्खा सिंह कहते हैं, अपनी दौड़ने की अद्भुत प्रतिभा और सोशल मीडिया पर अनोखे अंदाज से छा गए हैं। उनकी कहानी संघर्ष, जुनून, और प्रेरणा का प्रतीक है।

बचपन से दौड़ने का जुनून

गोपी गौड़ का जन्म मुरैना में हुआ। उनके पिता, जगदीश प्रसाद गौड़, पुलिस विभाग से सेवानिवृत्त हैं। गोपी की शुरुआती पढ़ाई शारदा विद्या निकेतन स्कूल में हुई।

  • कक्षा 5 में एक स्कूल दौड़ प्रतियोगिता के दौरान उन्होंने कक्षा 8 तक के बच्चों को हराकर अपनी क्षमता साबित की।
  • इसके बाद, स्टेट और नेशनल लेवल की दौड़ प्रतियोगिताओं में भाग लिया और कई मेडल जीते।
  • चार साल पहले, गोपी का चयन जमैका में होने वाली एक अंतरराष्ट्रीय दौड़ प्रतियोगिता के लिए हुआ, लेकिन पासपोर्ट न होने के कारण वह शामिल नहीं हो सके।

सोशल मीडिया पर धमाल

गोपी ने दौड़ने की अपनी प्रतिभा को सोशल मीडिया पर दिखाने का निर्णय लिया।

  • शुरुआत में उन्हें ज्यादा प्रतिक्रिया नहीं मिली।
  • उन्होंने ट्रकों के साथ रेस लगाने का अनोखा तरीका अपनाया।
  • उनके ट्रकों के साथ दौड़ने वाले वीडियो ने उन्हें सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया।
  • उन्होंने अपनी अधिकतम स्पीड 41 किमी प्रति घंटा दर्ज की।

यूट्यूब पर सफलता

गोपी ने यूट्यूब पर वीडियो डालना शुरू किया।

  • शुरुआती असफलताओं के बाद, एक वीडियो ने उन्हें पहचान दिलाई।
  • उनका पहला वायरल वीडियो 6 दिनों में 1 मिलियन व्यूज तक पहुंच गया।
  • गोपी को यूट्यूब का सिल्वर बटन और बाद में गोल्डन बटन भी मिला।

चुनौतियां और विवाद

जैसे-जैसे गोपी की प्रसिद्धि बढ़ी, उन्हें कई चुनौतियों का सामना करना पड़ा।

  1. जलन और हमले:
    • उनकी सफलता से कुछ लोग नाराज हो गए।
    • उनके छोटे भाई पर हमला किया गया, और उन्हें सोशल मीडिया छोड़ने की धमकी दी गई।
    • उनके खिलाफ कुछ झूठे केस भी दर्ज कराए गए।
  2. पारिवारिक संघर्ष:
    • हाल ही में उनके बड़े भाई पर हमला हुआ, जिसमें उन्हें गंभीर चोटें आईं।

गोपी का संदेश

गोपी मानते हैं कि हमारे देश में प्रतिभाओं की कमी नहीं है। अगर सरकार और समाज उन्हें सपोर्ट करें, तो देश के कई युवा अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान बना सकते हैं।

एक प्रेरणा का स्रोत

गोपी गौड़ की कहानी यह दिखाती है कि जुनून, मेहनत और दृढ़ता से किसी भी सपने को साकार किया जा सकता है। उनके अनुभव लाखों युवाओं को प्रेरित करते हैं कि कठिनाइयों के बावजूद भी आगे बढ़ना संभव है।

source internet…  साभार…. 

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