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Strategy: CDS चौहान बोले: पाकिस्तान से अच्छे संबंधों का दौर खत्म

CDS चौहान बोले: पाकिस्तान से अच्छे संबंधों का दौर खत्म

भारत अब रणनीति के साथ आगे बढ़ रहा

Strategy: सिंगापुर/नई दिल्ली— भारत के चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS) जनरल अनिल चौहान ने पाकिस्तान के साथ संबंधों को लेकर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि अब वह दौर खत्म हो गया है जब भारत बिना किसी रणनीति के पाकिस्तान से कूटनीतिक संबंध बनाए रखने की कोशिश करता था। चौहान ने कहा, “तालियां बजाने के लिए दोनों हाथ चाहिए होते हैं, लेकिन अगर बदले में दुश्मनी ही मिले, तो दूरी बनाना ही समझदारी है।” CDS चौहान शांगरी-ला डायलॉग में बोल रहे थे, जो एशिया-प्रशांत क्षेत्र की सुरक्षा पर केंद्रित एक प्रतिष्ठित अंतरराष्ट्रीय मंच है। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 2014 में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ को शपथग्रहण समारोह में आमंत्रित करने की मिसाल दी और बताया कि भारत ने हमेशा मित्रता का हाथ बढ़ाया, लेकिन बदले में विश्वासघात और आतंकवाद ही मिला।


भारत-पाक के बदलते समीकरण पर साफ संकेत

चौहान ने ऐतिहासिक दृष्टिकोण प्रस्तुत करते हुए कहा कि आजादी के समय पाकिस्तान सामाजिक, आर्थिक और प्रति व्यक्ति आय जैसे मामलों में भारत से आगे था, लेकिन अब भारत हर मोर्चे पर पाकिस्तान से आगे निकल चुका है। उन्होंने कहा कि यह बदलाव किसी संयोग का परिणाम नहीं, बल्कि भारत की दीर्घकालिक रणनीति और आत्मनिर्भरता का नतीजा है।


ऑपरेशन सिंदूर: आत्मनिर्भर भारत की सैन्य सफलता

CDS चौहान ने हालिया सैन्य कार्रवाई ऑपरेशन सिंदूर का उदाहरण देते हुए भारत की तकनीकी क्षमता का उल्लेख किया। उन्होंने बताया कि इस ऑपरेशन के दौरान भारत ने पूरी तरह स्वदेशी ‘आकाश’ मिसाइल सिस्टम और वायु रक्षा नेटवर्क का उपयोग किया, जो पूरी तरह देश में ही विकसित हुआ है। उन्होंने कहा, “भारत ने विदेशी टेक्नोलॉजी पर निर्भर हुए बिना अपने रडार और नेटवर्किंग सिस्टम तैयार किए, जो हमारे सैन्य आत्मनिर्भरता की मिसाल है।”


युद्ध में अफवाहें और साइबर हमले: नई चुनौतियां

जनरल चौहान ने कहा कि आज के युद्ध सिर्फ मैदान में नहीं लड़े जाते, बल्कि सूचना युद्ध (Information Warfare) और साइबर हमलों का भी अहम रोल है। ऑपरेशन सिंदूर के दौरान फर्जी खबरें और दुष्प्रचार एक बड़ी चुनौती रहे। उन्होंने बताया कि भारत ने बिना जल्दबाज़ी के तथ्यों के साथ जवाब देना चुना।

उन्होंने कहा कि भारत की सैन्य प्रणालियां इंटरनेट से जुड़ी नहीं होतीं, इसलिए साइबर हमलों का असर उन पर नहीं हुआ।


विकास की प्राथमिकता के चलते सेना का समय पर वापसी निर्णय

CDS चौहान ने कहा कि ऑपरेशन के बाद भारत ने जल्दी ही अपनी सेना को वापस बुला लिया, क्योंकि लंबे समय तक सैन्य तैनाती से आर्थिक बोझ बढ़ता है और विकास कार्यों पर असर पड़ता है।


चीन को लेकर अमेरिका की सख्त चेतावनी

इसी कार्यक्रम में अमेरिकी रक्षा मंत्री पीट हेगसेथ ने चीन पर गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि चीन एशिया में शक्ति संतुलन बिगाड़ने की कोशिश कर रहा है और ताइवान पर बलपूर्वक कब्जा करना चाहता है। उन्होंने कहा, “अगर चीन ने ताइवान पर हमला किया तो इसका असर केवल इंडो-पैसिफिक ही नहीं, पूरी दुनिया पर पड़ेगा।” हेगसेथ ने दावा किया कि चीन का लक्ष्य 2027 तक ताइवान पर नियंत्रण पाना है। उन्होंने कहा कि अमेरिका और उसके सहयोगी चीन की आक्रामकता का डटकर मुकाबला करेंगे।


कूटनीतिक मंच पर भारत की स्पष्ट रणनीति

भारत की तरफ से CDS चौहान के ये बयान साफ करते हैं कि भारत अब पड़ोसी देशों के साथ संबंधों में आक्रामक कूटनीति और आत्मनिर्भर सैन्य शक्ति को प्राथमिकता दे रहा है। शांगरी-ला डायलॉग के इस सत्र ने वैश्विक शक्ति संतुलन, तकनीकी युद्ध और रणनीतिक आत्मनिर्भरता जैसे विषयों पर महत्वपूर्ण दिशा संकेत दिए हैं।

साभार… 

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