फार्मेसी काउंसिल ऑफ इंडिया ने दिखाई सख्ती
Strictness: सतना। फार्मेसी काउंसिल ऑफ इंडिया (PCI) ने देशभर में दवा दुकानों के संचालन को लेकर सख्त रुख अपनाया है। अब बिना पंजीकृत फार्मासिस्ट के मेडिकल स्टोर चलाने पर तीन महीने की सजा या दो लाख रुपये तक का जुर्माना या दोनों हो सकते हैं। यह प्रावधान फार्मेसी अधिनियम 1948 की धारा 42 के तहत जन विश्वास (संशोधन) अधिनियम 2023 से लागू किया गया है।
छिंदवाड़ा जिले में हाल ही में प्रतिबंधित कफ सिरप से बच्चों की मौत के मामले के बाद काउंसिल ने यह कदम तेज किया है। जांच में सामने आया कि डॉक्टर की पत्नी और भतीजा बिना पंजीकरण के मेडिकल स्टोर चला रहे थे, जिससे यह गंभीर हादसा हुआ।
नई दिल्ली स्थित काउंसिल ने सभी राज्यों को निर्देश जारी किए हैं कि किसी भी मेडिकल प्रैक्टिशनर के प्रिस्क्रिप्शन पर केवल पंजीकृत फार्मासिस्ट ही दवा डिस्पेंस करें। यदि कोई गैर-पंजीकृत व्यक्ति दवा वितरण या बिक्री करता पाया गया, तो उसके खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
काउंसिल ने स्पष्ट किया है कि बिना डॉक्टर के प्रिस्क्रिप्शन दवा बेचना गंभीर अपराध होगा। दोषी पाए जाने पर न केवल मेडिकल स्टोर का लाइसेंस रद्द होगा बल्कि संबंधित फार्मासिस्ट का रजिस्ट्रेशन भी निरस्त किया जा सकता है।
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