Survey: नई दिल्ली। भारत में तकनीकी क्षेत्र अब युवाओं के लिए सबसे आकर्षक करियर विकल्प बनता जा रहा है। हाल ही में जारी एक सर्वेक्षण रिपोर्ट के अनुसार, करीब 77 प्रतिशत युवा प्रौद्योगिकी क्षेत्र में करियर बनाने के प्रति रुचि दिखा रहे हैं। यह आंकड़ा देश में तकनीकी प्रतिभा के बढ़ते प्रभाव और इस क्षेत्र की भविष्य की संभावनाओं को उजागर करता है।
नैसकॉम और जॉब सर्च पोर्टल इनडीड द्वारा संयुक्त रूप से किए गए इस सर्वेक्षण में देशभर के 2,500 से अधिक छात्रों और कार्यबल के सदस्यों के साथ 185 नियोक्ताओं को शामिल किया गया। रिपोर्ट में बताया गया है कि भारत में तकनीकी कार्यबल का लगभग 90 प्रतिशत हिस्सा मिलेनियल्स और जेन जेड पीढ़ी से आता है, जो कार्य संस्कृति और प्राथमिकताओं में महत्वपूर्ण बदलाव ला रहे हैं।
नियोक्ताओं के लिए भी बदली प्राथमिकताएं
रिपोर्ट के अनुसार, आज के युवा केवल वेतन या पदनाम के आधार पर करियर विकल्प नहीं चुनते, बल्कि वे सीखने के अवसर, कंपनी की कार्यसंस्कृति, और नैतिक मूल्यों को भी समान रूप से महत्त्व देते हैं। इससे यह संकेत मिलता है कि आधुनिक कार्यबल सिर्फ नौकरी नहीं, बल्कि व्यक्तिगत विकास और उद्देश्यपूर्ण करियर की तलाश में है।
गिग मॉडल की ओर झुकाव
रिपोर्ट में यह भी सामने आया है कि 84% से अधिक नियोक्ता अब गिग इकोनॉमी मॉडल यानी फ्रीलांस या प्रोजेक्ट आधारित कार्यशैली को अपनाने के लिए इच्छुक हैं। खासकर स्टार्टअप और बिजनेस प्रोसेस मैनेजमेंट (BPM) कंपनियां इस दिशा में तेजी से कदम बढ़ा रही हैं।
क्या है ‘जेन जेड’ और ‘मिलेनियल्स’?
- ‘जेन जेड’: 1990 के अंत से 2000 के दशक के अंत तक जन्मी पीढ़ी
- ‘मिलेनियल्स’: 1980 के दशक की शुरुआत से 1990 के मध्य तक जन्मे युवा
इन दोनों पीढ़ियों की तकनीक में गहरी रुचि, तेज अनुकूलन क्षमता और डिजिटल कौशल ने तकनीकी उद्योग को एक नया आयाम दिया है।
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