प्रशासनिक सुधार आयोग की सिफारिश
Task Force: बेंगलुरु। कर्नाटक में अब मंदिरों की भीड़, भगदड़ और आपात स्थितियों से निपटने के लिए ‘मंदिर टास्क फोर्स (TTF)’ का गठन हो सकता है। वरिष्ठ विधायक आर.वी. देशपांडे की अध्यक्षता वाले ‘कर्नाटक प्रशासनिक सुधार आयोग-2’ ने गुरुवार को मुख्यमंत्री सिद्धारमैया को सौंपी अपनी आठवीं रिपोर्ट में यह अहम सिफारिश की।
🛕 भीड़ प्रबंधन और सुरक्षा होगी टास्क फोर्स की प्राथमिकता
आयोग का मानना है कि त्योहारों और विशेष अवसरों पर मंदिरों में भारी भीड़ उमड़ती है, जिससे भगदड़ जैसी घटनाएं हो सकती हैं।
मंदिर टास्क फोर्स (TTF) इस प्रकार की आपात स्थितियों से निपटने के लिए प्रशिक्षित होगी।
- आग, भगदड़ और चिकित्सा संकट जैसी घटनाओं में त्वरित प्रतिक्रिया देने के लिए TTF गठित करने की बात कही गई है।
- यह कार्यबल श्रद्धालुओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने और प्रवेश/निकास को सुव्यवस्थित करने में मदद करेगा।
📋 मंदिर टास्क फोर्स के प्रस्तावित कार्य
- सुरक्षा प्रोटोकॉल लागू करना
- मंदिर के प्रवेश और निकास बिंदुओं पर नियंत्रण
- बैरिकेड्स लगाना
- दिशा-निर्देशों का निर्धारण
- आपातकालीन योजना तैयार करना
- स्थानीय प्रशासन, चिकित्सा सेवा और अग्निशमन विभाग के साथ समन्वय
- बड़े आयोजनों के दौरान अस्थायी चिकित्सा बूथ और सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत करना
- श्रद्धालुओं को सूचित करना
- लाउडस्पीकर, संकेत बोर्ड और अन्य संचार माध्यमों से
- कतार प्रणाली, समय परिवर्तन, सुरक्षा नियमों की जानकारी देना
- सेवाओं का कुशल प्रबंधन
- दर्शन कतारों, टिकट काउंटरों और प्रसाद वितरण में सुव्यवस्था बनाए रखना
⚖️ कानूनी संशोधन की सिफारिश
आयोग ने सुझाव दिया है कि हिंदू धार्मिक संस्थानों और धर्मार्थ दानों से संबंधित नियमों में संशोधन कर इस टास्क फोर्स को वैधानिक रूप से मान्यता दी जाए।
🎙️ आयोग की मंशा
आर.वी. देशपांडे के अनुसार, “हमारा उद्देश्य श्रद्धालुओं की सुरक्षा को प्राथमिकता देना और मंदिर सेवाओं में पारदर्शिता तथा दक्षता लाना है। टास्क फोर्स के गठन से दुर्घटनाओं को रोका जा सकता है।”
📌 पृष्ठभूमि
- हाल के वर्षों में देशभर में कई मंदिरों में भगदड़ और आपात स्थिति की घटनाएं हुई हैं।
- कर्नाटक सरकार इन घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकने के लिए सक्रिय कदम उठा रही है।
- साभार…
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