Threat: इस्लामाबाद/नई दिल्ली | भारत द्वारा 65 साल पुरानी सिंधु जल संधि निलंबित करने के फैसले के बाद पाकिस्तान की ओर से तीखी प्रतिक्रिया आई है। मंगलवार को राजधानी इस्लामाबाद में एक कार्यक्रम के दौरान प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने चेतावनी दी कि “दुश्मन (भारत) पाकिस्तान से एक बूंद पानी भी नहीं छीना सकता। अगर कोशिश हुई तो पाकिस्तान ऐसा सबक सिखाएगा जिसे जिंदगीभर नहीं भूलेंगे।”
शरीफ ने कहा कि भारत अगर पाकिस्तान की ओर बहने वाला पानी रोकता है तो यह अंतरराष्ट्रीय संधि का उल्लंघन होगा और इसका जवाब “निर्णायक तरीके से” दिया जाएगा। उन्होंने पानी को पाकिस्तान की “लाइफलाइन” बताते हुए कहा कि इसके अधिकारों से कोई समझौता नहीं होगा।
इससे पहले सोमवार को पूर्व विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो ने भी सिंध प्रांत में एक कार्यक्रम में बयान दिया था कि अगर भारत ने संधि निलंबित रखी तो पाकिस्तान के पास “जंग” के अलावा कोई विकल्प नहीं बचेगा। बिलावल ने दावा किया कि पाकिस्तान के लोग छह नदियां वापस लेने की ताकत रखते हैं। वहीं, पाकिस्तानी आर्मी चीफ जनरल आसिम मुनीर भी पिछले 48 घंटों में इस मुद्दे पर भारत को चेतावनी दे चुके हैं।
भारत का फैसला
भारत ने 24 अप्रैल को संधि निलंबित करने की घोषणा की थी। यह कदम जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकी हमले के बाद उठाया गया था, जिसमें 26 लोगों की मौत हुई थी।
सिंधु जल संधि
1960 में कराची में तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू और पाकिस्तान के राष्ट्रपति अयूब खान के बीच विश्व बैंक की मध्यस्थता में हुए इस समझौते में 6 नदियों का बंटवारा किया गया था—पूर्वी नदियां (रावी, ब्यास, सतलुज) भारत को और पश्चिमी नदियां (सिंधु, झेलम, चिनाब) पाकिस्तान को।
विशेषज्ञों का मानना है कि अगर भारत संधि पूरी तरह समाप्त कर देता है, तो पाकिस्तान की 80% सिंचाई व्यवस्था पर गंभीर असर पड़ेगा, जिससे दोनों देशों के रिश्तों में और तनाव बढ़ सकता है।
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