Vaccination Center: भोपाल | मध्य प्रदेश सरकार ने राज्य के स्वास्थ्य ढांचे को सुदृढ़ बनाने के लिए एक बड़ी पहल की है। प्रदेश के आठ प्रमुख शहरों में सरकारी अस्पतालों में 26 मॉडर्न वैक्सीनेशन सेंटर बनाए जा रहे हैं, जो आगामी चार महीनों के भीतर पूरी तरह से चालू हो जाएंगे। इन केंद्रों का उद्देश्य सरकारी टीकाकरण सेवाओं को निजी अस्पतालों के स्तर तक ले जाना है।
स्वास्थ्य विभाग के अनुसार, इन वैक्सीनेशन सेंटरों में घर जैसा माहौल, बच्चों के लिए खेलने के खिलौने, और परिजनों के लिए मनोरंजन की सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी। साथ ही, नागरिकों की सुविधा के लिए ऑनलाइन अपॉइंटमेंट सिस्टम की भी व्यवस्था होगी।
केंद्र सरकार से मिला विशेष बजट
इन सेंटरों के निर्माण के लिए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा विशेष बजट प्रदान किया गया है। राज्य सरकार का मानना है कि यह पहल न केवल टीकाकरण की प्रक्रिया को सहज बनाएगी, बल्कि लोगों का भरोसा भी बढ़ाएगी। वर्तमान में प्रदेश में सप्ताह में दो बार 12,000 वैक्सीनेशन सेशन होते हैं, जिनमें औसतन 50,000 बच्चों को टीके लगाए जाते हैं।
ये शहर होंगे शामिल:
भोपाल, उज्जैन, ग्वालियर, जबलपुर, इंदौर, सागर, रीवा और छिंदवाड़ा — इन आठ शहरों में पहले चरण के तहत ये सेंटर स्थापित किए जा रहे हैं। भोपाल में जेपी अस्पताल, सिविल अस्पताल गांधीनगर और बैरागढ़, तथा कैलाशनाथ काटजू अस्पताल में सेंटर बनाए जा रहे हैं।
एनएचएम की एमडी डॉ. सलोनी सिडाना के अनुसार, “कई सेंटर तैयार हो चुके हैं और बाकी का कार्य तेज़ी से चल रहा है। लक्ष्य है कि अगले चार महीनों में सभी 26 सेंटर पूरी तरह कार्यरत हों।” इस पहल से राज्य में सरकारी टीकाकरण व्यवस्था को नई पहचान मिलने की उम्मीद है और बच्चों व गर्भवती महिलाओं को गुणवत्तापूर्ण, सुरक्षित और सुविधाजनक स्वास्थ्य सेवाएं मिलेंगी।
साभार…
Leave a comment