Vastu defects: नई दिल्ली | क्या आपके घर में लगातार तनाव, बीमारियां या आर्थिक परेशानियां बनी रहती हैं? अगर हां, तो इसका कारण सिर्फ कर्म या हालात नहीं, बल्कि वास्तु दोष भी हो सकता है। पुरानी मान्यताओं और पौराणिक कथाओं में यह बात बार-बार दोहराई गई है कि घर की संरचना और दिशाओं का संतुलन सीधे जीवन की ऊर्जा पर असर डालता है।
🕉️ पौराणिक कथा: शिव, राक्षस और वास्तु
पौराणिक मान्यता के अनुसार, एक बार भगवान शिव गहरी तपस्या में लीन थे। उसी दौरान उनके शरीर से पसीना टपका और उससे एक राक्षस का जन्म हुआ। वह भूख से व्याकुल हो उठा। तब भगवान शिव ने उसे आदेश दिया, “तू केवल उन्हीं को नुकसान पहुंचा सकता है, जो मकान बनाते वक्त वास्तु का पालन नहीं करते।”
यह राक्षस असल में एक प्रतीक है – नकारात्मक ऊर्जा, बीमारी, अशांति और आर्थिक तंगी का, जो वास्तु दोष के कारण किसी भी घर में आ सकती है।
🌿 क्यों बनता है वास्तु दोष परेशानी की जड़?
- गलत दिशा में किचन या टॉयलेट
- सूर्य की रोशनी और हवा के प्रवाह को अवरुद्ध करना
- पूजा घर का अनुचित स्थान
- अव्यवस्थित या गंदा वातावरण
इन सभी से घर की ऊर्जा बिगड़ती है, जिससे मानसिक तनाव, झगड़े, धन हानि और स्वास्थ्य समस्याएं जन्म लेती हैं।
🔍 आज भी क्यों जरूरी है वास्तु?
कई लोग सवाल करते हैं – “हम सब कुछ सही कर रहे हैं, फिर भी परेशानियां क्यों?” इसका जवाब छिपा है घर की बनावट और दिशा में। छोटे-छोटे बदलाव, जैसे दरवाजे की दिशा, बेड का स्थान या रसोई की स्थिति, जीवन पर गहरा असर डाल सकते हैं।
✅ क्या करें ताकि वास्तु दोष से बचें?
- मकान बनवाने या खरीदने से पहले वास्तु विशेषज्ञ से सलाह लें
- किचन, शौचालय और पूजा स्थल की दिशा सही रखें
- घर में रोजाना सफाई और प्रकाश बनाए रखें
- सुबह-शाम दीप जलाएं और सकारात्मक मंत्रों का जाप करें
- साभार..
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