हनीमून पर पति की हत्या पर बोले मुख्यमंत्री, नए दौर के ट्रेंड्स को बताया खतरनाक
Vigilance: भोपाल/इंदौर। शिलॉन्ग में इंदौर के ट्रांसपोर्ट कारोबारी राजा रघुवंशी की हनीमून पर हत्या के मामले ने पूरे देश को झकझोर दिया है। इस सनसनीखेज हत्याकांड पर अब मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए इसे समाज के लिए एक बड़ा सबक करार दिया है। उन्होंने लोगों को शादी जैसे फैसलों में सतर्कता बरतने की सलाह दी है।
🔴 ‘शादी फाइनल करने से पहले बरतें सतर्कता’ – सीएम मोहन यादव
मुख्यमंत्री ने कहा,
“यह घटना बेहद दर्दनाक और चेतावनी देने वाली है। शादी तय करने से पहले दोनों परिवारों को हर पहलू पर गहराई से विचार करना चाहिए। बच्चों पर सतत निगरानी ज़रूरी है। शादी केवल दो व्यक्तियों का नहीं, बल्कि दो परिवारों का मिलन होता है, इसलिए जल्दबाज़ी नहीं करनी चाहिए।”
❗ ‘हनीमून पर भेजने से पहले सोचें’: पुराने समय की परंपरा याद दिलाई
डॉ. यादव ने नए जमाने के हनीमून ट्रेंड्स पर भी सवाल उठाए। उन्होंने कहा,
“पुराने समय में विवाह के तुरंत बाद नवविवाहितों को बाहर भेजने में संकोच किया जाता था। कम से कम एक माह तक संयम रखा जाता था। आज का आधुनिक चलन कभी-कभी खतरनाक साबित हो सकता है। हमें इस घटना से सीख लेकर सावधानी बरतनी होगी।”
📞 गृह मंत्री अमित शाह से की थी बात, सोनम की खोज के लिए की थी गुजारिश
मुख्यमंत्री मोहन यादव ने बताया कि मामले की गंभीरता को देखते हुए उन्होंने मेघालय के मुख्यमंत्री से बात की थी और साथ ही गृह मंत्री अमित शाह से भी सोनम की तलाश और पूरे प्रकरण की सीबीआई जांच के लिए अनुरोध किया था।
🕵️ क्या है ‘शिलॉन्ग हनीमून मर्डर केस’?
- 11 मई 2025 को राजा रघुवंशी की सोनम से शादी हुई थी।
- 21 मई को दंपती शिलॉन्ग घूमने पहुंचे।
- 2 जून को राजा की लाश गहरी खाई से मिली — गर्दन पर धारदार हथियार से वार के निशान थे।
- सोनम गायब थी, जिसे बाद में 9 जून को उत्तर प्रदेश के गाजीपुर में गिरफ्तार किया गया।
- जांच में सामने आया कि सोनम ने ही अपने प्रेमी राज कुशवाह व तीन अन्य के साथ मिलकर राजा की हत्या की प्लानिंग की थी।
- हत्या के बाद वह ट्रेन से इंदौर पहुंची और फिर वाराणसी होते हुए गाजीपुर गई।
📌 ‘समाज के लिए चेतावनी है ये घटना’
मुख्यमंत्री ने कहा कि इंदौर की यह घटना केवल एक परिवार नहीं, बल्कि पूरे समाज के लिए चेतावनी है।
“अगर हम अपने बच्चों को बेहतर दिशा देना चाहते हैं तो हमें मूल्यों, पारिवारिक संवाद और निर्णयों में सतर्कता को प्राथमिकता देनी होगी।”
साभार…
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