8th Pay Commission:नई दिल्ली: केंद्र सरकार के कर्मचारियों के लिए एक बड़ा बदलाव आने वाला है। 8वां केंद्रीय वेतन आयोग न केवल मौजूदा वेतन संरचना की समीक्षा करेगा, बल्कि पूरा वेतन पैकेज, खासतौर पर प्रदर्शन आधारित वेतन को भी ध्यान में रखेगा।
PRP की दिशा में पहला कदम नहीं
यह कोई नई अवधारणा नहीं है। 4वें से लेकर 7वें वेतन आयोग तक इस दिशा में लगातार विचार किया गया है:
- 4वां वेतन आयोग: बेहतर प्रदर्शन करने वाले कर्मचारियों के लिए वेरिएबल इंक्रीमेंट की सिफारिश की थी।
- 5वां वेतन आयोग: वेतन ढांचे में प्रदर्शन-आधारित वेतन घटक को शामिल करने की जरूरत जताई।
- 6वां वेतन आयोग: पहली बार Performance Related Incentive Scheme (PRIS) का प्रस्ताव दिया। इस योजना में व्यक्तिगत और समूह स्तर पर बोनस देने की बात थी।
- 7वां वेतन आयोग: PRP को APAR (Annual Performance Appraisal Report), RFDs (Results Framework Documents) और Output Metrics के आधार पर लागू करने की सिफारिश की।
8वें वेतन आयोग से क्या उम्मीदें?
8वां वेतन आयोग इस दिशा में एक ठोस ढांचा तैयार करने की दिशा में काम कर सकता है, जो न केवल पारदर्शी होगा बल्कि कर्मचारियों को उनके उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए प्रोत्साहित भी करेगा। आयोग इस बात पर बल दे रहा है कि PRP लागू करने के लिए मौजूदा नियमों में छोटे सुधारों से काम चल सकता है, जिससे प्रक्रिया सरल और व्यावहारिक रहेगी। आयोग ने यह भी सुझाव दिया है कि PRP लागू होने के बाद मौजूदा बोनस योजनाओं को “विलय” कर दिया जाए। और जब तक PRP को सभी विभागों में लागू नहीं किया जाता, तब तक वर्तमान बोनस योजनाओं को उत्पादकता और मुनाफे से जोड़ा जाए।
यह पहल कर्मचारियों को उनकी योग्यता और प्रदर्शन के आधार पर पुरस्कृत करने की दिशा में एक बड़ा कदम हो सकता है। इससे सरकारी कामकाज में पारदर्शिता, प्रतिस्पर्धा और कार्यकुशलता को भी बढ़ावा मिलेगा।
साभार…
Leave a comment