Administrative Surgery: मध्यप्रदेश सरकार ने नए साल की शुरुआत के साथ प्रशासनिक बदलाव की प्रक्रिया तेज कर दी है। रविवार रात 15 आईएएस अधिकारियों के तबादले का आदेश जारी किया गया। इनमें से कई अधिकारी लंबे समय से एक ही स्थान पर पदस्थ थे।
मुख्य बदलाव:
- केसी गुप्ता (लोक निर्माण विभाग के अपर मुख्य सचिव) को हटाकर राज्यपाल का अपर मुख्य सचिव नियुक्त किया गया।
- यह पहली बार है जब इस स्तर के अधिकारी को राजभवन की जिम्मेदारी दी गई है।
- कलेक्टर और जिला पंचायत सीईओ के पदों पर तैनात कई अधिकारियों का स्थानांतरण किया गया है, जो दो साल या अधिक समय से एक ही स्थान पर कार्यरत थे।
- इस सर्जरी में छोटे जिलों के कलेक्टरों को बड़े जिलों की कमान सौंपी गई है।
संभावित बदलाव और तैयारियां:
- प्रमोशन प्राप्त अधिकारी:
1 जनवरी को सचिव और अपर सचिव पद पर प्रमोट हुए अधिकारियों को नई जिम्मेदारियां मिलने की संभावना है।
इनमें कुछ को कलेक्टरी से हटाया जाएगा, जबकि अन्य को बड़े जिलों की जिम्मेदारी सौंपी जाएगी। - दूसरे पदस्थ अधिकारियों के बदलाव:
जिला पंचायतों में सीईओ के रूप में काम कर रहे आईएएस अफसरों को भी कलेक्टरी दी जा सकती है।
चुनाव आयोग का प्रभाव:
चुनाव आयोग के निर्देश के अनुसार, मतदाता सूची पुनरीक्षण के चलते 6 जनवरी तक कलेक्टरों के तबादले पर रोक थी। अब यह प्रक्रिया शुरू हो गई है।
विस्तृत बदलाव की सूची:
- 8 कलेक्टर (जिन्होंने 2 साल से अधिक समय से एक ही जिले में कार्य किया) को बदला जाएगा।
- 10 जिला पंचायत सीईओ का स्थानांतरण भी संभव है।
कई अधिकारी वर्षों से एक ही स्थान पर:
- 6 साल से एक ही स्थान पर जमे अधिकारियों में अशोक कुमार चौहान, नियाज अहमद खान, विनय निगम, प्रीति जैन जैसे नाम शामिल हैं।
- 4 साल से अधिक समय से पदस्थ अधिकारियों की सूची में भावना वालिम्बे, मल्लिका निगम नागर, शिवशेखर शुक्ला, उषा परमार शामिल हैं।
अन्य महत्वपूर्ण पहलू:
- मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव और मुख्य सचिव अनुराग जैन के बीच बैठक हो चुकी है।
- यह मुख्य सचिव अनुराग जैन के कार्यकाल की पहली बड़ी प्रशासनिक सर्जरी होगी।
प्रक्रिया का उद्देश्य:
इस बदलाव का उद्देश्य प्रशासनिक कसावट लाना और अफसरों की दक्षता का अधिकतम उपयोग करना है। सरकार द्वारा जल्द ही अन्य अधिकारियों के तबादला आदेश जारी किए जाने की संभावना है।
source internet… साभार….
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