Hi-Tech Security: महाकुंभ 2025 में सुरक्षा के उच्चतम स्तर को सुनिश्चित करने के लिए अभूतपूर्व कदम उठाए गए हैं। आइए इस सुरक्षा व्यवस्था और इसके विभिन्न पहलुओं को विस्तार से समझें:
सुरक्षा का व्यापक दृष्टिकोण
महाकुंभ के लिए केंद्रीय और राज्य एजेंसियों के सहयोग से तैयार सुरक्षा योजना ने अब तक की सभी व्यवस्थाओं को पीछे छोड़ दिया है। खालिस्तानी समर्थक आतंकी और अन्य संगठनों से संभावित खतरे को देखते हुए यह योजना बनाई गई है।
- 40 करोड़ श्रद्धालुओं की सुरक्षा: हाईटेक उपकरणों और तकनीकी नवाचारों के साथ मेला क्षेत्र को सुसज्जित किया गया है।
- आतंकी खतरों से निपटने के उपाय: ड्रोन हमलों से बचाव के लिए इजरायली एंटी-ड्रोन सिस्टम का उपयोग किया गया है।
हाईटेक सुरक्षा उपकरण
- अंडर वाटर ड्रोन
- ड्रोन की क्षमता: यह गंगा और यमुना की गहराई में 100-200 मीटर तक निगरानी कर सकता है।
- ड्यूरेशन: 3 दिन तक पानी में डूबे रह सकते हैं।
- उपयोग: संगम और अन्य घाटों की सुरक्षा के लिए 16 ड्रोन तैनात किए गए हैं।
- एंटी ड्रोन सिस्टम
- सिस्टम का कार्य: उड़ने वाले ड्रोन की पहचान और उन्हें निष्क्रिय करना।
- तकनीकी विशेषताएं: एक्स-बैंड 3डी रडार द्वारा ड्रोन को ट्रेस और निष्क्रिय करने की क्षमता।
- कुल लागत: एंटी और वाटर ड्रोन में लगभग 21 करोड़ रुपये खर्च हुए।
- फेस रिकग्निशन कैमरे
- कार्य: संदिग्ध आतंकियों और अपराधियों की पहचान।
- डेटाबेस कनेक्शन: AI के माध्यम से संदिग्ध व्यक्ति का डेटा तुरंत कंट्रोल रूम में पहुंचेगा।
- संदिग्धों पर निगरानी: पूरे मेले में हर संदिग्ध गतिविधि पर कैमरों द्वारा नजर रखी जाएगी।
10 ऑपरेशनल प्लान्स
सुरक्षा एजेंसियों ने अनहोनी से निपटने के लिए 10 विशेष ऑपरेशनल प्लान तैयार किए हैं:
- भगदड़ प्रबंधन
- भीड़ को नियंत्रित करने और मार्ग साफ रखने के लिए विशेष व्यवस्थाएं।
- धमाका या तेज आवाज की स्थिति
- अलग-अलग टीमें जिम्मेदार होंगी और तत्काल कार्रवाई करेंगी।
- CBRN अटैक प्रबंधन
- विशेष टीमें: प्रयागराज के डॉक्टरों को नरौरा परमाणु केंद्र में ट्रेनिंग दी गई है।
- ट्रीटमेंट यूनिट: SRN और एमएलएन मेडिकल कॉलेज में अत्याधुनिक सुविधाएं।
- भीड़ पर हमले की स्थिति
- स्नाइपर्स और ब्लॉकिंग टीम्स के साथ हमलों को रोकने की योजना।
- संदिग्ध गतिविधियों पर कार्रवाई
- गुप्त रूप से विशेष टीमों द्वारा संदिग्धों को पकड़ने का कार्य।
- अत्यधिक भीड़ की स्थिति
- AI सिस्टम के जरिए भीड़ की पहचान और नियंत्रण।
- पानी में अनहोनी की स्थिति
- घाटों पर तैनात विशेष टीमें श्रद्धालुओं को सुरक्षित स्थान पर ले जाएंगी।
- कॉल ट्रैपिंग और IT सुरक्षा
- मुख्य स्नान के दिन IT एक्सपर्ट्स द्वारा सुरक्षा।
- पार्किंग और परिवहन स्थलों की सुरक्षा
- अलग-अलग टीमें विशेष स्थलों पर तैनात रहेंगी।
- स्थानीय वारदात की स्थिति
- किसी स्थान विशेष पर वारदात होने पर इलाके की तुरंत घेराबंदी।
- source internet… साभार….
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