पहले सरकारी दफ्तरों में होगी शुरुआत
Smart Meters: जबलपुर | मध्य प्रदेश में बिजली उपभोक्ताओं के लिए बड़ी खबर है। राज्य की विद्युत वितरण कंपनियां अब स्मार्ट मीटर को प्री-पेड मीटर में बदलने की तैयारी में हैं। इसकी शुरुआत सरकारी कार्यालयों से की जा रही है। योजना सफल रही तो जल्द ही आम उपभोक्ताओं के लिए भी यह व्यवस्था लागू होगी।
🔌 बिजली अब मोबाइल की तरह होगी – पहले रिचार्ज, फिर खपत
नई व्यवस्था में बिजली का उपभोग मोबाइल रिचार्ज की तरह होगा।
- उपभोक्ताओं को पहले अग्रिम राशि से मीटर रिचार्ज करना होगा।
- खपत के साथ ही बैलेंस घटेगा।
- एसएमएस, मोबाइल ऐप और ईमेल के जरिए हर दिन की खपत और बैलेंस की जानकारी मिलेगी।
📊 अब तक 9.25 लाख स्मार्ट मीटर लगे, अब होंगे प्री-पेड में तब्दील
पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी ने अब तक 21 जिलों में 9.25 लाख स्मार्ट मीटर लगाए हैं।
अब इन्हें ही प्री-पेड मोड में बदला जाएगा।
पहले चरण में 21 हजार मीटर, विशेष रूप से सरकारी भवनों जैसे पुलिस थानों, तहसीलों, आदि में लगाए जाएंगे।
इससे न केवल बकाया बिल वसूली आसान होगी, बल्कि जनता में यह विश्वास भी जमेगा कि यह प्रणाली सुविधाजनक और पारदर्शी है।
🧪 ट्रायल शुरू, शुरुआती नतीजे सकारात्मक
जबलपुर में 50 उपभोक्ताओं (घरेलू, गैरघरेलू व औद्योगिक) के यहां प्री-पेड मीटर लगाकर इसका परीक्षण शुरू किया गया है।
अब तक के परिणाम सकारात्मक रहे हैं:
- SMS और ऐप से बिलिंग अपडेट मिल रही है
- उपभोक्ता बकाया राशि और खपत का रोज़ाना आकलन कर पा रहे हैं
💰 उपभोक्ताओं को होंगे ये फायदे
- 25 पैसे प्रति यूनिट की दर से बिजली में राहत
- कोई सुरक्षा निधि जमा करने की जरूरत नहीं
- खर्च का पूरा नियंत्रण और पारदर्शिता
- बिल जमा न करने पर बिजली कटने की आशंका खत्म, क्योंकि पहले से भुगतान होता है
- कम से कम 100 रुपये से रिचार्ज की सुविधा, उपभोक्ता अपनी आवश्यकता अनुसार राशि तय कर सकेगा
🎯 आखिर उद्देश्य क्या है?
- सरकारी दफ्तरों से शुरूआत करके जनता में विश्वास कायम करना
- बकाया बिलों की वसूली में तेजी
- डिजिटल ट्रैकिंग और पारदर्शिता बढ़ाना
- उपभोक्ताओं को अपनी खपत पर नियंत्रण देने की दिशा में बड़ा कदम
यह योजना यदि सफल रही तो आने वाले समय में राज्यभर में बिजली का प्री-पेड सिस्टम सामान्य हो सकता है, जो उपभोक्ताओं को जागरूक, सशक्त और आत्मनिर्भर बनाएगा।
साभार…
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