Test: दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के फ्लैग स्टाफ रोड स्थित सरकारी बंगले के रिनोवेशन की जांच का मामला फिर से सुर्खियों में आ गया है। सेंट्रल विजिलेंस कमीशन (CVC) ने 13 फरवरी को इस मामले की जांच के आदेश दिए हैं।
जांच के आदेश क्यों दिए गए?
- CPWD की रिपोर्ट में सामने आया कि बंगले के निर्माण में कई नियमों का उल्लंघन हुआ।
- भाजपा ने आरोप लगाया था कि इस रेनोवेशन पर 45 करोड़ रुपये से अधिक खर्च किए गए।
- दिल्ली भाजपा अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने LG वीके सक्सेना से शिकायत की थी कि बंगला चार सरकारी संपत्तियों को मिलाकर बनाया गया।
CBI जांच में क्या सामने आया?
- CBI की जांच रिपोर्ट में कहा गया कि कोविड काल के दौरान 44.78 करोड़ रुपये खर्च किए गए।
- इंटीरियर और डेकोरेशन पर ही 11.30 करोड़ रुपये का खर्च किया गया।
- सितंबर 2020 से जून 2022 के बीच छह अलग-अलग किश्तों में ये पैसा जारी किया गया।
भाजपा का हमला
- भाजपा ने इस बंगले को “शीशमहल” कहकर प्रचारित किया।
- 9 दिसंबर 2024 को BJP ने एक वीडियो जारी कर इस बंगले की भव्यता दिखाई।
- भाजपा का आरोप है कि जनता के पैसे का दुरुपयोग किया गया, खासकर तब जब कोविड के कारण विकास कार्य ठप थे।
भविष्य की स्थिति
- भाजपा का कहना है कि दिल्ली में अगला मुख्यमंत्री इस बंगले में नहीं रहेगा।
- CVC की जांच इस बात पर केंद्रित होगी कि क्या सरकारी संपत्तियों को अनुचित तरीके से मिलाकर बंगला तैयार किया गया।
राजनीतिक असर
इस मामले के चलते दिल्ली में आप और भाजपा के बीच सियासी घमासान और तेज हो सकता है।
अब देखना होगा कि CVC की जांच में क्या नया सामने आता है और इसका केजरीवाल व आम आदमी पार्टी पर क्या असर पड़ता है।
source internet… साभार….
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