New rules:नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) और सड़क परिवहन मंत्रालय ने फास्टैग से जुड़े नियमों में बदलाव किए हैं, जो आज से लागू हो गए हैं। ये बदलाव टोल भुगतान को सुव्यवस्थित करने, विवादों को कम करने और धोखाधड़ी पर अंकुश लगाने के लिए किए गए हैं।
मुख्य बदलावों में शामिल हैं:
- कम बैलेंस और देरी से भुगतान पर जुर्माना: अब, यदि किसी यूजर का फास्टैग बैलेंस कम होता है या वह भुगतान में देरी करता है, तो उस पर अतिरिक्त जुर्माना लगाया जाएगा। साथ ही, यदि यूजर का फास्टैग ब्लैकलिस्टेड है, तो उसे भी इसका खामियाजा भुगतना पड़ेगा।
- फास्टैग निष्क्रिय होने पर लेनदेन अस्वीकृति: यदि वाहन टोल पार करने से पहले 60 मिनट से ज्यादा समय तक फास्टैग निष्क्रिय रहता है और टोल पार करने के बाद 10 मिनट तक निष्क्रिय रहता है, तो उसका लेनदेन अस्वीकृत कर दिया जाएगा।
- अतिरिक्त शुल्क: यदि वाहन के टोल रीडर से गुजरने के समय से 15 मिनट बाद तक टोल लेन-देन अपडेट होता है, तो फास्टैग यूजर को अतिरिक्त शुल्क देना पड़ सकता है।
- 15 दिन बाद शिकायत दर्ज कर सकते हैं: यदि लेनदेन में देरी होती है और फास्टैग खाते में पर्याप्त शेष राशि नहीं होती है, तो टोल ऑपरेटर को जिम्मेदार माना जाएगा। हालांकि, यूजर 15 दिन के भीतर शिकायत दर्ज कर सकते हैं।
यह बदलाव टोल संग्रह की प्रक्रिया को अधिक पारदर्शी और सुव्यवस्थित बनाएंगे और किसी भी प्रकार की धोखाधड़ी या विवाद को कम करने में मदद करेंगे।
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