Maha Kumbh रेलवे ने महाकुंभ 2025 में अभूतपूर्व योगदान देते हुए तीर्थयात्रियों के परिवहन में नए कीर्तिमान स्थापित किए। यह न केवल लॉजिस्टिक्स की उत्कृष्टता का उदाहरण था, बल्कि रेलवे प्रशासन की सुव्यवस्थित योजना और त्वरित प्रतिक्रिया प्रणाली का भी प्रदर्शन था।
🚆 महाकुंभ 2025 में रेलवे का योगदान
✔ 13,667 ट्रेनों का संचालन – तीर्थयात्रियों को प्रयागराज और आसपास के स्टेशनों तक पहुँचाने के लिए
✔ 3,468 विशेष ट्रेनें – तीर्थयात्रियों की मांग के अनुसार अतिरिक्त ट्रेनों की व्यवस्था
✔ 2,008 एक्स्ट्रा ट्रेनें अन्य क्षेत्रों से – देशभर से तीर्थयात्रियों को जोड़ने के लिए
✔ 8,211 नियमित ट्रेनें – सामान्य समय की तुलना में अधिक यात्रियों को संभालने के लिए
✔ 5,000 ट्रेनें प्रयागराज जंक्शन पर – सबसे अधिक यात्री लोड संभालने वाला प्रमुख स्टेशन
🚦 रेलवे की रणनीतिक तैयारियाँ
📌 विशेष ट्रेनों की तैनाती – तीर्थयात्रियों की भीड़ को कम करने के लिए
📌 रूट डायवर्जन – प्रमुख स्टेशनों पर अधिक दबाव न पड़े, इसके लिए वैकल्पिक मार्ग
📌 आपातकालीन योजना – भीड़ को संभालने के लिए अतिरिक्त ट्रेनें स्टैंडबाय में रखी गईं
📌 स्टेशन इन्फ्रास्ट्रक्चर अपग्रेड – 9 प्रमुख स्टेशनों पर बेहतर सुविधाओं की व्यवस्था
🌟 क्यों खास था रेलवे का प्रबंधन?
✅ दिव्य और भव्य महाकुंभ का हिस्सा बनने में रेलवे की अहम भूमिका
✅ लाखों यात्रियों को सुगम और सुरक्षित यात्रा उपलब्ध कराना
✅ रेलवे प्रबंधन का ऐतिहासिक और तार्किक संचालन
महाकुंभ में रेलवे की यह भूमिका आने वाले वर्षों में बड़े आयोजनों की प्लानिंग के लिए एक बेहतरीन उदाहरण साबित होगी।
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