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Campaign: 60 साल बाद भी हनुमान जी अंधेरे में

60 साल बाद भी हनुमान जी

जिला मुख्यालय से 12 किमी. दूर है श्रद्धा का केंद्र

जन जागरण अभियान भाग-1

Campaign: बैतूल। एक तरफ सरकार 100 प्रतिशत विद्युतीकरण का दावा करने से नहीं थकती हैं वहीं आज भी कई क्षेत्र ऐसे हैं जो जिला मुख्यालय के समीप होने के बावजूद विद्युत सुविधा से वंचित हैं। ऐसा ही एक मामला बैतूल जिले में घोड़ाडोंगरी ब्लाक में सामने आया है। जहां ग्रामीण क्षेत्र में कुछ वर्ष पूर्व विद्युतीकरण हुआ था लेकिन आज भी इसके समीप शासन के कुछ नियम-कायदों के चलते एक बड़ा क्षेत्र विद्युतीकरण होने की बांट जोह रहा है।


60 वर्ष पूर्व निर्मित हुआ था हनुमान मंदिर


बैतूल-रानीपुर मार्ग पर बैतूल से 12 किमी. दूर प्रसिद्ध हनुमान डोल मंदिर स्थित है। जहां साल भर बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं की उपस्थिति बनी रहती है। 60 वर्ष पूर्व बने प्राचीन मंदिर से लगकर वर्ष 2000 में हनुमान जी का एक बड़ा मंदिर भी बनाया गया जिसमें हनुमान जी की आदमकद प्रतिमा स्थापित की गई थी। हनुमान डोल मंदिर के पुजारी पं. विजेंद्र द्विवेदी ने बताया कि मंदिर में विभिन्न धार्मिक अवसरों पर श्रद्धालुओं का तांता लगा रहता है। लेकिन मंदिर में विद्युत व्यवस्था ना होने के कारण शाम के पूर्व ही सभी आयोजन पूरे करना पड़ते हैं।


मंदिर में यह है सुविधाएं


हनुमान डोल मंदिर ट्रस्ट का पंजीकरण हो चुका है। ट्रस्ट के अध्यक्ष पं. राहुल शर्मा है जो अपने साथियों के साथ मंदिर के रखरखाव एवं अन्य सुविधाओं के लिए सक्रिय रहते हैं। मंदिर प्रांगण में भोजन सामग्री निर्मित करने एवं भण्डारे के लिए निर्माण कार्य भी पूर्ण हो चुका है। बैतूल-रानीपुर मार्ग से मंदिर आने के लिए बीच में एक पहाड़ी नदी को पार करने के लिए स्थायी पुल भी निर्मित हुआ है जिससे मंदिर तक पहुंचना आसान हो गया है।


मंदिर से दो किमी. दूर तक पहुंच गई है लाइट

बैतूल की ओर से हनुमान डोल मंदिर की दूरी 12 किमी. है तो रानीपुर तरफ से ग्राम खमालपुर से मंदिर की दूरी 2 किमी. है। ग्राम खमालपुर में लगभग 20 वर्ष पूर्व विद्युत व्यवस्था शासन द्वारा की जा चुकी है। इस आदिवासी गांव में अपनी जीविका का मुख्य साधन खेती और कुछ लोगों का खेत बटाई से लेकर खेती करने का है। ग्राम खमालपुर से हनुमान डोल तक विद्युतीकरण नहीं हो पाया है। जिसके लिए कोई बहुत बड़ी लागत भी नहीं आनी है।

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