भारत ने अमेरिका और यूरोप को पीछे छोड़ा
Record growth: भोपाल – भारतीय रेलवे ने लोकोमोटिव उत्पादन में एक नया रिकॉर्ड कायम किया है। वित्तीय वर्ष 2024-25 में भारत में कुल 1681 लोकोमोटिव का उत्पादन हुआ, जो अमेरिका, यूरोप, दक्षिण अमेरिका, अफ्रीका और ऑस्ट्रेलिया जैसे देशों के कुल लोकोमोटिव उत्पादन से भी अधिक है। रेलवे बोर्ड के प्रवक्ता ने बताया कि पिछले साल यह आंकड़ा 1472 था, यानी इस वर्ष 19% की वृद्धि दर्ज की गई है।
“मेड इन इंडिया” पहल से बढ़ा लोकोमोटिव उत्पादन
भारतीय रेलवे लगातार “मेड इन इंडिया” अभियान को मजबूत करने के लिए नीतिगत फैसले ले रहा है। 2004 से 2014 के बीच देश में कुल 4695 लोकोमोटिव बनाए गए थे, जिनका वार्षिक औसत 469.5 था। वहीं, 2014 से 2024 के बीच उत्पादन 9168 लोकोमोटिव तक पहुंच गया और वार्षिक औसत बढ़कर 917 हो गया।
मुख्य लोकोमोटिव उत्पादन इकाइयों की उपलब्धियां
वित्तीय वर्ष 2024-25 में विभिन्न लोकोमोटिव निर्माण इकाइयों ने निम्नलिखित योगदान दिया:
- चितरंजन लोकोमोटिव वर्क्स (CLW) – 700 लोकोमोटिव
- बनारस लोकोमोटिव वर्क्स (BLW) – 477 लोकोमोटिव
- पटियाला लोकोमोटिव वर्क्स (PLW) – 304 लोकोमोटिव
- मधेपुरा इलेक्ट्रिक लोकोमोटिव फैक्ट्री – 100 लोकोमोटिव
- मरहौरा डीजल लोकोमोटिव फैक्ट्री – 100 लोकोमोटिव
सबसे ज्यादा मालगाड़ियों के लिए बनाए गए लोकोमोटिव
देश में निर्मित अधिकांश लोकोमोटिव मालगाड़ियों के लिए तैयार किए गए। इस वर्ष विभिन्न श्रेणियों में लोकोमोटिव का निम्नलिखित उत्पादन हुआ:
- WAG 9/9H – 1047 लोकोमोटिव
- WAG 9HH – 7 लोकोमोटिव
- WAG 9 Twin – 148 लोकोमोटिव
- WAP 5 – 2 लोकोमोटिव
- WAP 7 – 272 लोकोमोटिव
- NRC लोकोमोटिव – 5
- WAP 12 B – 100 लोकोमोटिव
- WDG 4G/6G – 100 लोकोमोटिव
रेलवे उत्पादन में भारत की बढ़ती ताकत
भारतीय रेलवे का यह ऐतिहासिक प्रदर्शन देश को रेलवे इंजन उत्पादन के मामले में वैश्विक स्तर पर एक प्रमुख खिलाड़ी बना रहा है। रेलवे अधिकारियों के अनुसार, अगले कुछ वर्षों में उत्पादन क्षमता को और अधिक बढ़ाने की योजना बनाई जा रही है, जिससे न केवल घरेलू जरूरतें पूरी होंगी, बल्कि भारत अंतरराष्ट्रीय बाजार में भी लोकोमोटिव निर्यात कर सकेगा।
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