Thursday , 19 June 2025
Home Uncategorized Brave son: अयोध्या का वीर पुत्र शहीद: लेफ्टिनेंट शशांक तिवारी ने साथी को बचाया, खुद की जान गंवाई
Uncategorized

Brave son: अयोध्या का वीर पुत्र शहीद: लेफ्टिनेंट शशांक तिवारी ने साथी को बचाया, खुद की जान गंवाई

अयोध्या का वीर पुत्र शहीद:

Brave son: अयोध्या: देश सेवा के अदम्य जज़्बे की मिसाल बने अयोध्या के 22 वर्षीय लेफ्टिनेंट शशांक तिवारी ने सिक्किम में शहीदी प्राप्त की। ऑपरेशनल गश्त के दौरान जब एक साथी जवान नदी में गिर गया, तो शशांक ने बिना एक पल सोचे खुद को खतरे में डालते हुए नदी में छलांग लगा दी और उसे मौत के मुंह से बाहर खींच लाए। लेकिन इस साहसिक प्रयास में स्वयं की जान गंवा बैठे

अंतिम विदाई की तैयारी, आंखों में आंसू और सीने में गर्व

शहीद लेफ्टिनेंट का पार्थिव शरीर आज शाम तक सिलीगुड़ी के बागडोगरा एयरपोर्ट से विशेष विमान द्वारा अयोध्या लाया जाएगा। शनिवार को राजकीय सम्मान के साथ जमथरा घाट पर अंतिम संस्कार होगा।
शशांक घर के इकलौते बेटे थे और हाल ही में एनडीए से कमीशन लेकर सिक्किम में पहली पोस्टिंग पर तैनात हुए थे।

मां को अब तक नहीं दी गई खबर

शशांक की मां नीता तिवारी हार्ट पेशेंट हैं और उन्हें अभी तक बेटे की शहादत की सूचना नहीं दी गई है। परिवार का कहना है कि यह खबर पिता के लौटने के बाद ही दी जाएगी। शशांक के पिता जंग बहादुर तिवारी, मर्चेंट नेवी में कार्यरत हैं और वर्तमान में अमेरिका में तैनात हैं। वह बेटे की खबर मिलते ही भारत के लिए रवाना हो गए हैं।

बचपन से था देश सेवा का सपना

शशांक के मामा राजेश दुबे ने बताया कि शशांक में बचपन से ही राष्ट्र सेवा का जज़्बा था। उन्होंने जिंगल बेल स्कूल से प्रारंभिक शिक्षा प्राप्त की और 2019 में जेबीए एकेडमी से इंटरमीडिएट पास कर एनडीए में चयनित हुए

मुख्यमंत्री योगी का नमन और सहायता

अयोध्या में हनुमानगढ़ी के दर्शन के दौरान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शहीद शशांक को श्रद्धांजलि दी और ऐलान किया:

  • शहीद की स्मृति में अयोध्या में स्मारक बनाया जाएगा
  • परिवार को ₹50 लाख की आर्थिक सहायता दी जाएगी

पड़ोसियों ने बढ़ाया सहयोग

शशांक की मां को खबर न लगे, इसलिए रिश्तेदारों को पड़ोसियों के घरों में ठहराया गया है। घर के बाहर लोगों की भीड़ और प्रशासनिक तैयारियां जारी हैं, ताकि अंतिम दर्शन के लिए व्यवस्था की जा सके।


लेफ्टिनेंट शशांक तिवारी की यह वीरगाथा न केवल अयोध्या, बल्कि पूरा देश कभी नहीं भूल पाएगा। उन्होंने यह साबित कर दिया कि एक सैनिक का कर्तव्य केवल देश के दुश्मनों से लड़ना नहीं, बल्कि अपने साथियों की जान बचाना भी है — चाहे उसकी कीमत अपनी जान ही क्यों न हो।

साभार… 

Leave a comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Related Articles

Census: 2025 की जनगणना में शामिल होंगे नए सवाल: इंटरनेट, मोबाइल, पानी और अनाज पर फोकस

Census: नई दिल्ली | भारत की अगली जनगणना ऐतिहासिक रूप से अहम...

Recreate: सोनम ने इशारा किया, विशाल ने किया पहला वार: शिलॉन्ग पुलिस ने क्राइम सीन किया रीक्रिएट

Recreate: शिलॉन्ग/इंदौर | राजा रघुवंशी हत्याकांड की जांच में बड़ा खुलासा हुआ...

Energy Revolution: अंडमान सागर में मिला कच्चे तेल का विशाल भंडार

भारत की ऊर्जा क्रांति की ओर कदम Energy Revolution:नई दिल्ली | ईरान-इजराइल...

Initiative: सीमेंट रोड पर नपा ने लगाए पोल

यातायात व्यवस्थित करने की पहल Initiative: बैतूल। शहर में कोठीबाजार क्षेत्र की...