Dignity of life: अयोध्या। राम नगरी अयोध्या में राम मंदिर के प्रथम तल पर स्थापित राम दरबार की प्राण प्रतिष्ठा बुधवार को अभिजीत मुहूर्त में संपन्न हुई। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की उपस्थिति में यह शुभ कार्य सम्पन्न हुआ, जिसमें श्रीराम, माता सीता, लक्ष्मण, भरत, शत्रुघ्न और हनुमान जी की मूर्तियों में प्राण प्रतिष्ठित किए गए। काशी के आचार्य जय प्रकाश त्रिपाठी के नेतृत्व में 101 वैदिक पंडितों ने विधिवत मंत्रोच्चारण के साथ यह अनुष्ठान सम्पन्न किया। मूर्तियों की आंखों पर बंधी पट्टियाँ खोलकर उन्हें आईना दिखाया गया, जो प्राचीन प्रथा के अनुसार मूर्तियों में ‘प्राण’ समाहित करने की प्रतीक प्रक्रिया है।
हीरे-जड़े आभूषणों का ऐतिहासिक दान
राम दरबार के श्रृंगार के लिए सूरत के हीरा कारोबारी मुकेश पटेल ने अत्यंत मूल्यवान आभूषण राम मंदिर ट्रस्ट को दान किए। विश्व हिंदू परिषद के कोषाध्यक्ष दिनेश नेवादिया के अनुसार, इन आभूषणों में शामिल हैं:
- 1000 कैरेट के हीरे
- 30 किलो चांदी
- 300 ग्राम सोना
- 300 कैरेट रूबी
- 11 भव्य मुकुट, हार, कुंडल, तिलक, धनुष-बाण आदि
ये आभूषण विशेष रूप से चार्टर्ड प्लेन से अयोध्या लाए गए।
परकोटे के मंदिरों में भी प्राण प्रतिष्ठा
मंदिर परिसर के ग्राउंड फ्लोर में बने छह देवी-देवताओं के मंदिरों में भी प्राण प्रतिष्ठा की गई। इनमें भगवान शिव, श्रीगणेश, हनुमान जी, सूर्य देव, मां भगवती और मां अन्नपूर्णा के विग्रह शामिल हैं।
सीमित आमंत्रण, भव्य आयोजन
जहां 22 जनवरी 2024 को रामलला की प्राण प्रतिष्ठा में देशभर से विशिष्ट अतिथियों को बुलाया गया था, वहीं इस आयोजन में 350 विशेष अतिथि, जिनमें प्रमुखतः ट्रस्ट पदाधिकारी, संत-महात्मा शामिल रहे। राम दरबार की मूर्तियाँ जयपुर में मकराना के श्वेत संगमरमर से तैयार की गई हैं। श्रीराम और सीता जी सिंहासन पर विराजमान हैं, जबकि भरत और हनुमान जी चरणों के पास बैठे हैं।
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