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The crisis deepens: सिंधु समझौता: पाकिस्तान में पानी का संकट गहराया

सिंधु समझौता: पाकिस्तान में पानी का

चिनाब नदी का फ्लो 92% घटा, 6.5 करोड़ किसानों की फसलें खतरे में

The crisis deepens:नई दिल्ली/इस्लामाबाद: भारत द्वारा 24 अप्रैल को पहलगाम हमले के बाद सिंधु जल समझौता रोकने के निर्णय का पाकिस्तान में गंभीर जल संकट के रूप में असर सामने आने लगा है। पाकिस्तान की प्रमुख पश्चिमी नदी चिनाब का प्रवाह 92% तक घट चुका है, जिससे पंजाब और सिंध प्रांत में खेती की हालत खराब हो गई है।


🔴 चिनाब का फ्लो घटकर डेड लेवल से नीचे

  • 29 मई को फ्लो: 98,200 क्यूसेक
  • अब फ्लो: सिर्फ 7,200 क्यूसेक
  • खतरा: जलस्तर जल्द ही 3,000 क्यूसेक (डेड लेवल) से नीचे जा सकता है

चिनाब नदी पर निर्भर 6.5 करोड़ किसान पानी की कमी के कारण संकट में हैं। 40% से अधिक फसलें बर्बाद होने की कगार पर हैं।


🏞️ तारबेला और मंगला बांध आधे खाली

  • मंगला बांध (दुनिया का 7वां सबसे बड़ा):
    • क्षमता: 59 लाख एकड़-फुट
    • मौजूदा जलस्तर: 27 लाख एकड़-फुट
  • तारबेला बांध:
    • क्षमता: 116 लाख एकड़-फुट
    • मौजूदा जलस्तर: 60 लाख एकड़-फुट

जलाशयों की हालत यह संकेत देती है कि यदि आपूर्ति सामान्य नहीं हुई, तो 50% से ज्यादा पानी खत्म हो सकता है।


🚨 खेती पर गंभीर असर, 2200 अरब रुपए का नुकसान

पाकिस्तान के कृषि मंत्रालय ने चेताया है कि इस बार का खरीफ सीजन हाल के इतिहास में सबसे खराब हो सकता है।

  • गेहूं की बर्बादी से अब तक नुकसान: ₹2200 अरब
  • संभावित कुल नुकसान (2025 अंत तक): ₹4500 अरब
  • कृषि GDP पर असर: 23.15% तक गिरावट

किसान संगठनों में आक्रोश है। पाकिस्तान किसान इत्तिहाद (PKI) ने इस्लामाबाद कूच की चेतावनी दी है।


🌾 ‘ग्रीन पाकिस्तान’ पर भी सवाल

सरकार के ‘ग्रीन पाकिस्तान प्रोजेक्ट’ के अंतर्गत रेगिस्तानी क्षेत्रों में नहरें बिछाने की योजना को किसान षड्यंत्र बता रहे हैं। उनका दावा है कि इससे दक्षिणी पाकिस्तान में पानी और कम हो जाएगा।


📩 भारत को 4 बार चिट्ठी भेजी

पाकिस्तान जल संसाधन मंत्रालय के सचिव सैयद अली मुर्तजा ने चार पत्रों में भारत से समझौता बहाल करने और पानी छोड़ने की मांग की है। इनमें से एक पत्र ऑपरेशन सिंदूर के बाद भेजा गया था। भारत के जल शक्ति मंत्रालय ने सभी पत्रों को विदेश मंत्रालय (MEA) को भेज दिया है।


🧾 क्या है सिंधु जल समझौता?

  • 1960 में भारत और पाकिस्तान के बीच समझौता हुआ था, जिसमें 6 नदियों को बाँटा गया।
  • तीन पूर्वी नदियों (रवि, ब्यास, सतलुज) का जल भारत को मिला।
  • तीन पश्चिमी नदियाँ (सिंधु, चिनाब, झेलम) पाकिस्तान को दी गईं।
  • भारत को पश्चिमी नदियों का सीमित उपयोग (सिंचाई, पनबिजली) की अनुमति थी।

📉 राष्ट्रीय आपदा में बदला पानी संकट

किसान नेता अहमद शरीफ के अनुसार, यह संकट अब ‘नेशनल इमरजेंसी’ बन चुका है। भूख, महंगाई और कर्ज़ का दबाव बढ़ता जा रहा है। खाद्य वस्तुओं की कीमतें तेजी से बढ़ रही हैं।

sabhar…

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