कर्मचारी चयन मंडल परीक्षा में 1 मिनट में पकड़ा जाएगा फर्जी कैंडिडेट
Fake candidate: भोपाल(ई-न्यूज)। कर्मचारी चयन परीक्षा में अब तक फिंगर प्रिंट के माध्यम से परीक्षार्थी की पहचान की जाती थी लेकिन अब परीक्षार्थी की चेहरे से पहचान होगी जिससे फर्जी कैंडिडेट 1 मिनट में पकड़ा जाएगा।
मप्र कर्मचारी चयन मंडल अब भर्ती परीक्षाओं में कैंडिडेट्स की पहचान के लिए बायोमेट्रिक (उंगलियों के निशान) की जगह फेस रिकॅगनीशन (चेहरा पहचानना) तकनीक का इस्तेमाल करने वाला है। पायलट प्रोजेक्ट के रूप में 24 जून को होने वाली प्री नर्सिंग सलेक्शन टेस्ट में नई तकनीक से ही कैंडिडेट्स का वेरिफिकेशन किया जाएगा। कर्मचारी चयन मंडल के डायरेक्टर साकेत मालवीय का कहना है कि इसके बाद जुलाई से सभी परीक्षाओं में इस तकनीक को लागू किया जाएगा।
कर्मचारी चयन मंडल कैंडिडेट्स की पहचान के लिए बायोमेट्रिक तकनीक का इस्तेमाल कर रहा है। मगर, गड़बड़ी करने वालों ने 2023 में हुई पुलिस आरक्षक भर्ती परीक्षा में बायोमेट्रिक तकनीक में भी सेंध लगा दी। जांच में पता चला कि चयनित उम्मीदवारों ने आधार कार्ड में फोटो और बायोमेट्रिक डेटा बदलकर अपनी जगह सॉल्वर को बैठाया था। इस फर्जीवाड़े को लेकर अब तक प्रदेश के 9 जिलों में 22 एफआईआर हो चुकी है। मंडे स्टोरी में पढि़ए बायोमेट्रिक तकनीक में कैसे लगी सेंध? नई तकनीक से कैंडिडेट्स का वेरिफिकेशन कैसे होगा? बायोमेट्रिक तकनीक के मुकाबले नई तकनीक कितनी फुलप्रूफ है? साभार…
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