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Betul news: शाहपुर में सिविल कोर्ट की स्थापना की मांग तेज

शाहपुर में सिविल कोर्ट की स्थापना की

विधायक गंगा उईके ने मुख्यमंत्री को लिखा पत्र

Betul news: बैतूल/शाहपुर: मध्य प्रदेश की शाहपुर तहसील में सिविल कोर्ट की स्थापना की मांग एक बार फिर से जोर पकड़ने लगी है। क्षेत्र की विधायक गंगा सज्जन सिंह उईके ने मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव को पत्र लिखकर तहसील मुख्यालय पर सिविल न्यायालय के शीघ्र संचालन की मांग की है। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि वे इस मुद्दे को लेकर जल्द ही मुख्यमंत्री से व्यक्तिगत चर्चा करेंगी।

🔴 जनसंख्या अधिक, लेकिन सुविधा नहीं

विधायक उईके ने अपने पत्र में उल्लेख किया है कि शाहपुर जिले की सबसे बड़ी तहसील है और यहाँ की जनसंख्या भी अपेक्षाकृत अधिक है। इसके बावजूद यहां अब तक सिविल कोर्ट की व्यवस्था नहीं की गई है। इससे आम लोगों को मामूली कानूनी मामलों के लिए भी 40 किलोमीटर दूर बैतूल कोर्ट जाना पड़ता है।

🚶‍♀️ गरीब और आदिवासी वर्ग पर सबसे ज्यादा असर

उन्होंने विशेष तौर पर आदिवासी, दलित और पिछड़े वर्ग का हवाला देते हुए कहा कि आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के लिए इतनी दूरी तय करना समय और खर्च दोनों में भारी पड़ता है। कई बार लोग आवश्यक किराया भी नहीं जुटा पाते, जिससे वे न्याय से वंचित रह जाते हैं।

🏗️ कोर्ट के लिए जमीन और स्वीकृति पहले से मौजूद

गौरतलब है कि शाहपुर में सिविल कोर्ट के संचालन के लिए भूमि का आवंटन पहले ही किया जा चुका है और शासन से औपचारिक स्वीकृति भी प्राप्त हो चुकी है। इसके बावजूद कोर्ट का संचालन अब तक शुरू नहीं हुआ है। विधायक ने इस पर चिंता जताते हुए मुख्यमंत्री से जल्द ठोस कार्रवाई की मांग की है।

⚖️ स्थानीय न्याय की दिशा में बड़ा कदम

विधायक गंगा उईके का मानना है कि शाहपुर में सिविल कोर्ट की स्थापना से स्थानीय स्तर पर न्याय मिलना सरल होगा। इससे आम नागरिकों, विशेषकर ग्रामीण व गरीब समुदायों को राहत मिलेगी और न्याय तक पहुंच सुलभ हो सकेगी।


📌 पृष्ठभूमि

शाहपुर विधानसभा क्षेत्र बैतूल जिले में स्थित एक प्रमुख तहसील है, जहाँ जनसंख्या घनत्व अधिक होने के बावजूद बुनियादी न्यायिक संरचना की कमी लंबे समय से महसूस की जा रही है। क्षेत्रीय प्रतिनिधियों द्वारा कई बार मांग उठाए जाने के बावजूद अब तक इस दिशा में ठोस अमल नहीं हो सका है।


🗣️ आगे क्या?

सूत्रों के अनुसार, यदि मुख्यमंत्री स्तर पर सकारात्मक निर्णय लिया जाता है, तो जल्द ही कोर्ट भवन निर्माण और स्टाफ की नियुक्ति की प्रक्रिया शुरू की जा सकती है। इससे न्यायिक प्रक्रिया का विकेंद्रीकरण होगा और शाहपुर को एक नया संस्थागत लाभ मिलेगा।

साभार.. 

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