Plane Crash: अहमदाबाद:– अहमदाबाद से लंदन जा रही एअर इंडिया की फ्लाइट AI-171 के दर्दनाक हादसे की शुरुआती जांच में कोई स्पष्ट तकनीकी खराबी सामने नहीं आई है। वॉल स्ट्रीट जनरल की रिपोर्ट के अनुसार, बोइंग 787 ड्रीमलाइनर विमान के दोनों इंजनों में फ्यूल सप्लाई कंट्रोल करने वाले स्विच टेकऑफ के तुरंत बाद बंद पाए गए, जिससे इंजन की ताकत (थ्रस्ट) खत्म हो गई।
🔍 क्या कहती है जांच?
- अमेरिकी एविएशन वेबसाइट The Air Control के अनुसार, ब्लैक बॉक्स डेटा से यह जानकारी मिली है कि टेकऑफ के ठीक बाद दोनों इंजन में फ्यूल सप्लाई बंद हो गई थी।
- यह अभी तक स्पष्ट नहीं है कि स्विच की यह स्थिति पायलट की कार्रवाई से हुई, तकनीकी गड़बड़ी से या किसी और वजह से।
- विशेषज्ञों के अनुसार, ये स्विच इतने संवेदनशील नहीं होते कि गलती से हाथ लगने मात्र से बंद हो जाएं। इन्हें ग्राउंड मोड में ही बदला जाता है।
💬 विशेषज्ञों की राय
एविएशन विशेषज्ञ कैप्टन राकेश राय ने कहा, “कोई भी प्रशिक्षित पायलट इन स्विच से बिना कारण नहीं छेड़ता। यदि इनका इस्तेमाल हुआ है, तो जरूर किसी आपात स्थिति में ‘EEC रीसेट’ के लिए किया गया होगा। यह विंडमिल स्टार्ट प्रक्रिया के तहत हो सकता है।”
वहीं, एविएशन सेफ्टी एक्सपर्ट जॉन कॉक्स का मानना है कि फ्यूल स्विच की स्थिति सामान्य तौर पर गंभीर तकनीकी फेल्योर या किसी गंभीर हस्तक्षेप की ओर संकेत करती है।
📅 हादसे की पृष्ठभूमि
- 12 जून 2025 को अहमदाबाद से लंदन के लिए रवाना हुई फ्लाइट AI-171 टेकऑफ के कुछ सेकंड बाद ही एक मेडिकल हॉस्टल की इमारत से टकरा गई।
- हादसे में 241 यात्री और क्रू मेंबर सहित 270 लोगों की मौत हो गई, जबकि केवल एक यात्री जिंदा बचा है।
- मृतकों में गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री विजय रूपाणी भी शामिल थे।
🧾 रिपोर्ट जल्द हो सकती है सार्वजनिक
- AAIB (Aircraft Accident Investigation Bureau) हादसे की जांच कर रहा है।
- नागरिक उड्डयन राज्य मंत्री मुरलीधर मोहोल ने कहा कि 30 दिन के भीतर प्राइमरी रिपोर्ट और 3 महीनों में विस्तृत रिपोर्ट जारी की जाएगी।
- ब्लैक बॉक्स भारत में ही है और CVR (Cockpit Voice Recorder) व FDR (Flight Data Recorder) की जांच चल रही है।
🧪 साजिश की आशंका भी जांच के दायरे में
मंत्री मोहोल ने यह भी स्पष्ट किया कि सैबोटाज (साजिश) की आशंका से भी इनकार नहीं किया जा सकता। DGCA के आदेश पर एयर इंडिया के सभी 33 ड्रीमलाइनर विमानों की विशेष जांच की गई है और कोई खतरा नहीं पाया गया। इससे लोगों को आश्वस्त किया गया है कि यह हादसा एक अपवाद था।
📉 हादसे के तकनीकी तथ्य:
- टेकऑफ के बाद अंतिम सिग्नल 625 फीट (190 मीटर) की ऊंचाई पर मिला।
- पायलट ने मेडे कॉल (इमरजेंसी सिग्नल) भेजा, लेकिन उसका जवाब नहीं मिला।
- पायलट के पास 8,200 घंटे और को-पायलट के पास 1,100 घंटे की उड़ान का अनुभव था।
- साभार …
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