Blacklist: नई दिल्ली: फास्टैग को लेकर लापरवाही अब ड्राइवरों को भारी पड़ सकती है। भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) ने स्पष्ट किया है कि अगर कोई भी वाहन चालक जानबूझकर फास्टैग को वाहन की विंडस्क्रीन पर नहीं चिपकाता और उसे हाथ में पकड़कर (लूज फास्टैग) टोल प्लाजा पर स्कैन कराता है, तो उसका फास्टैग ब्लैकलिस्ट कर दिया जाएगा। यह फैसला ई-टोल कलेक्शन सिस्टम की कार्यप्रणाली को सुचारू बनाए रखने के लिए लिया गया है, ताकि टोल प्लाजा पर भीड़ और गड़बड़ी से बचा जा सके।
📌 क्या है ‘लूज फास्टैग’?
NHAI के अनुसार, कुछ वाहन चालक फास्टैग को गाड़ी की विंडशील्ड पर लगाने के बजाय हाथ में लेकर स्कैन कराते हैं, जिसे ‘लूज फास्टैग’ या ‘टैग-इन-हैंड’ कहा जाता है। यह नियमों के खिलाफ है और ई-टोल प्रणाली को बाधित करता है।
🔍 क्यों उठाया गया यह कदम?
- लूज फास्टैग के कारण स्कैनिंग में देरी होती है जिससे टोल प्लाजा पर जाम की स्थिति बनती है।
- कुछ लोग एक ही फास्टैग का एक से ज्यादा गाड़ियों में दुरुपयोग कर रहे हैं।
- सिस्टम में डेटा मिसमैच की समस्या पैदा होती है, जो कानूनी उल्लंघन है।
📅 कब से लागू हुआ नियम?
NHAI ने इस नियम की घोषणा 11 जुलाई 2025 को की है। इसके साथ ही सभी टोल ऑपरेटर्स को निर्देश दिए गए हैं कि वे ऐसे ड्राइवरों की सूचना तुरंत दें।
⚙️ क्या होगी सजा?
- टोल ऑपरेटर ऐसे फास्टैग यूजर्स की जानकारी NHAI को एक निर्धारित ईमेल के माध्यम से भेजेंगे।
- NHAI उस फास्टैग को ब्लैकलिस्ट या हॉटलिस्ट कर देगी, जिससे वह अब किसी भी टोल प्लाजा पर काम नहीं करेगा।
- इससे संबंधित वाहन चालक को नया फास्टैग लेना पड़ेगा और वह टोल प्लाजा पर रोका भी जा सकता है।
🚗 नए टोल सिस्टम के लिए जरूरी कदम
NHAI आने वाले समय में मल्टी लेन फ्री फ्लो टोलिंग (MLFF) और एनुअल पास सिस्टम जैसे आधुनिक टोल सिस्टम लागू करने जा रहा है, जिसमें कैमरा आधारित ऑटोमैटिक स्कैनिंग की मदद से टोल वसूली होगी। इसके लिए फास्टैग का सही जगह पर लगा होना बेहद जरूरी है।
👉 आपका क्या करना जरूरी है?
- फास्टैग को हमेशा गाड़ी की विंडस्क्रीन पर सही जगह चिपकाएं।
- कभी भी फास्टैग को हाथ में लेकर स्कैन कराने की कोशिश न करें।
- एक फास्टैग को सिर्फ एक वाहन में ही उपयोग करें।
- साभार…
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