संक्रमण काल में सफाई नहीं होने से फैल सकती है बीमारी
Dirt: बैतूल। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के स्वच्छ भारत मिशन की जमीनी हकीकत देखना है कि जिला अस्पताल बैतूल में देखने को मिलेगी। जहां परिसर में व्याप्त गंदगी से मरीज और उनके परिजन परेशान हो रहे हैं। इन दिनों बारिश के मौसम में संक्रमण काल चल रहा है और स्वास्थ्य मंत्रालय के स्पष्ट निर्देश हैं कि जिला अस्पताल में साफ सफाई की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए जिससे मरीज और उनके परिजन संक्रमण से बचे। इसके बावजूद जिला अस्पताल परिसर गंदगी से सराबोर है। यहां तक सैप्टिक टैंक का गंदा पानी भी बाहर बह रहा है और बदबू के कारण मरीज और उनके परिजन परेशान हो रहे हैं।
प्रायवेट एजेंसी करती है सफाई

बैतूल जिला अस्पताल में साफ सफाई का ठेका प्रायवेट एजेंसी को दिया गया है। इस एजेंसी को प्रतिदिन जिला अस्पताल के अंदर और परिसर में सफाई करनी है। इसके बदले में जिला अस्पताल प्रबंधन के द्वारा हर साल लाखों रुपए दिए जाते हैं। इसके बावजूद साफ सफाई व्यवस्थित तरीके से नहीं की जा रही है। जिला अस्पताल परिसर में जगह-जगह कचरे के ढ़ेर लगे हुए हैं। बारिश के कारण कचरा गीला हो जाने के कारण बदबू भी मारता है। वहीं सैप्टिक टैंक की सफाई न होने के कारण गंदा पानी ओव्हर फ्लो हो रहा है और इसकी बदबू जिला अस्पताल के अंदर तक जा रही है जिससे मरीज और उनके परिजन परेशान रहते हैं।
अधिकारी करते हैं निरीक्षण

जिला अस्पताल को व्यवस्थित करने के लिए समय-समय पर कलेक्टर और सीएमएचओ निरीक्षण करते हैं। इस दौरान देखने में आता है कि अव्यवस्थाओं को लेकर सिविल सर्जन और अन्य अधिकारियों को व्यवस्था सुधारने के निर्देश दिए जाते हैं। इन व्यवस्थाओं में साफ सफाई की व्यवस्था भी शामिल रहती है। निर्देश का पालन तत्कालिक रूप से तो होता है लेकिन स्थायी रूप से नहीं होता है। अधिकारी जाते हैं तब सफाई तो हो जाती है उसके बाद किसी का ध्यान इस ओर नहीं जाता है।
नहीं होती मॉनीटरिंग

जिला अस्पताल की व्यवस्थाओं को सुधारने के लिए सिविल सर्जन पूरी व्यवस्थाओं की मानीटरिंग करते हैं। इसके अलावा जिला अस्पताल में एक मैनेजर और एक सहायक मैनेजर भी रखा गया है जिन्हें इन व्यवस्थाओं की मानीटरिंग करना है। लेकिन जिस तरह से गंदगी व्याप्त है उससे लगता है कि सही ढंग से मानीटरिंग नहीं हो रही है और ऐसे में जिला अस्पताल की व्यवस्थाएं लडख़ड़ाती जा रही हैं। पहले भी साफ सफाई को लेकर कई बार मुद्दे उठ चुके हैं लेकिन स्थायी व्यवस्था को लेकर कड़े कदम नहीं उठाए जाते हैं।
संक्रमण का खतरा

बारिश के चार माह संक्रमणकाल के रूप में माने जाते हैं। इस दौरान बारिकी से सभी चीजों पर ध्यान दिया जाता है। खासतौर पर स्वास्थ्य सेवाओं में संक्रमणकाल को लेकर विशेष व्यवस्थाएं की जाती है। ऐसे में जिला अस्पताल जैसा प्रमुख संस्थान जहां जिले भर से मरीज इलाज के लिए आते हैं और उनके साथ परिजन भी रहते हैं। ऐसे में इस तरह की गंदगी मरीज और उनके परिजनों को संक्रमित कर सकती है और वे बीमार हो सकते हैं। निर्देश के बावजूद भी संक्रमण काल में साफ सफाई पर ध्यान नहीं देने घोर लापरवाही की श्रेणी में आता है और इसमें बड़े अधिकारी भी जिम्मेदार हो सकते हंै।
कार्यवाही करेंगे

सीएमएचओ डॉ. मनोज हुरमाड़े से बैतूलवाणी ने चर्चा की तो उन्होंने बताया कि जिला अस्पताल का तीन बार विजिट किया है। सिविल सर्जन और आरएमओ को निर्देश दिए हैं कि संक्रमण काल में साफ सफाई के निर्देश दिए हैं कि वर्षा ऋतु काल है जिसमें संक्रमित बीमारियों का खतरा रहता है। और गंदगी से और संक्रमित हो सकते हैं। इसको लेकर साफ सफाई का काम किया गया था। आपके द्वारा संज्ञान में लाया गया है तो इसको लेकर मैं कार्यवाही करूंगा।
इनका कहना…
ठेकेदार द्वारा व्यवस्थित सफाई नहीं की जा रही है, इसको लेकर एजेंसी के खिलाफ कार्यवाही की जाना चाहिए और पेनाल्टी लगाई जाना चाहिए। अधिकारियों को भी इस ओर ध्यान देना चाहिए।
मनीष दीक्षित, समाजसेवी
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