DGCA ने बोइंग विमानों की जांच के दिए आदेश
Alert: नई दिल्ली/लंदन। ब्रिटेन की सिविल एविएशन अथॉरिटी (CAA) ने मंगलवार को एक चौंकाने वाला खुलासा किया है। अहमदाबाद-लंदन फ्लाइट AI 171 के दुर्घटनाग्रस्त होने से करीब चार हफ्ते पहले ही बोइंग विमानों के फ्यूल कंट्रोल स्विच को लेकर चेतावनी जारी की गई थी। यह वही तकनीकी गड़बड़ी है जिसे 12 जून को हुए विमान हादसे की मुख्य वजह माना जा रहा है, जिसमें 270 लोगों की जान चली गई थी।
🔹 CAA और FAA की चेतावनी थी पहले ही जारी
CAA ने 15 मई को ब्रिटेन में उड़ान भरने वाली सभी एयरलाइनों को अलर्ट जारी किया था। इसमें बोइंग 737, 757, 767, 777 और 787 विमानों के फ्यूल शटऑफ वॉल्व एक्ट्यूएटर्स की तत्काल जांच के निर्देश दिए गए थे। CAA ने यह निर्देश अमेरिकी फेडरल एविएशन एडमिनिस्ट्रेशन (FAA) के आधार पर दिया था, जिसने इन उपकरणों को संभावित खतरा बताया था। एयरलाइनों को कहा गया था कि या तो ये उपकरण बदलें, रिपेयर करें या फिर रोजाना जांच अनिवार्य रूप से करें।
🔹 फ्यूल शटऑफ वॉल्व: दुर्घटना की कड़ी
फ्यूल शटऑफ वॉल्व एक सुरक्षा प्रणाली है, जो आपातकालीन स्थिति में इंजन तक ईंधन की सप्लाई बंद कर देता है। लेकिन अहमदाबाद हादसे में यह अनजाने में एक्टिवेट हो गया, जिससे दोनों इंजन बंद हो गए। AAIB (एयरक्राफ्ट एक्सीडेंट इनवेस्टीगेशन ब्यूरो) की 15 पन्नों की रिपोर्ट में खुलासा हुआ कि फ्यूल कंट्रोल स्विच रन से कटऑफ में चला गया था, जिससे टेकऑफ के चंद सेकेंड बाद ही विमान का थ्रस्ट खत्म हो गया।
🔹 DGCA का एक्शन: सभी बोइंग विमानों की जांच
भारत के नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (DGCA) ने सोमवार को सभी एयरलाइनों को आदेश दिया कि 21 जुलाई तक सभी बोइंग विमानों में फ्यूल कंट्रोल स्विच की जांच पूरी की जाए।
सभी ऑपरेटरों को जांच के बाद रिपोर्ट जमा करने को भी कहा गया है। यह निर्णय AAIB की प्राथमिक रिपोर्ट सामने आने के तुरंत बाद लिया गया, जिससे स्पष्ट हो गया कि तकनीकी खराबी ने विमान दुर्घटना में अहम भूमिका निभाई।
🔹 FAA और बोइंग का रुख अलग
दूसरी ओर, FAA और बोइंग ने एक संयुक्त बयान में कहा कि, “फ्यूल कंट्रोल स्विच का डिजाइन सभी विमानों में समान और मानक के अनुरूप है। ऐसे में हमें किसी विशेष मॉडल पर एयरवर्दीनेस डायरेक्टिव (उड़ान निषेध) की आवश्यकता नहीं लगती।”
हालांकि, इस वक्तव्य के बावजूद कई एयरलाइनों ने अपनी ड्रीमलाइनर सीरीज के विमानों की जांच शुरू कर दी है, जिसमें एतिहाद जैसी कंपनियां भी शामिल हैं।
🔹 कॉकपिट से मिली चौंकाने वाली जानकारी
AAIB रिपोर्ट में बताया गया कि कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डर से यह पता चला कि एक पायलट ने दूसरे से पूछा था, “क्या तुमने फ्यूल स्विच बंद किया?” दूसरे पायलट ने इंकार किया।
टेकऑफ से ठीक पहले एक सेंसर में गड़बड़ी पाई गई थी, जिसे मरम्मत के बाद उड़ान के लिए अनुमति दे दी गई थी।
निष्कर्ष: क्या समय रहते चेतावनी मानी जाती तो बच सकती थीं जानें?
इस हादसे ने एक बार फिर विमान सुरक्षा, रखरखाव और तकनीकी अलर्ट की गंभीरता को लेकर कई सवाल खड़े कर दिए हैं।
CAA की चेतावनी और FAA की रिपोर्ट के बावजूद यदि फ्यूल कंट्रोल सिस्टम की जांच समय पर होती, तो शायद 270 जानें बचाई जा सकती थीं। अब DGCA और वैश्विक विमानन एजेंसियों के सामने चुनौती है कि वे ऐसे सिस्टम की बार-बार और व्यापक जांच सुनिश्चित करें, ताकि भविष्य में ऐसी त्रासदी से बचा जा सके।
साभार…
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