Infection: भोपाल: भारतीय परिवारों में यह आम परंपरा रही है कि नवजात शिशुओं के हाथ, पैर, गले या कमर में काला धागा बांधा जाता है, ताकि उन्हें बुरी नजर से बचाया जा सके। लेकिन हाल ही में चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जिसमें एक शिशु को इसी धागे के कारण गंभीर संक्रमण हो गया।
पीडियाट्रिशन डॉ. इमरान पटेल ने एक मीडिया इंटरव्यू में इस पर गंभीर चिंता जताई है और साफ शब्दों में कहा है, “बिल्कुल नहीं बांधना चाहिए काला धागा।”
⚠️ धागा बन सकता है इंफेक्शन की वजह
डॉ. इमरान पटेल ने बताया कि एक मामले में धागा बच्चे की त्वचा को काटते हुए अंदर चला गया, जिससे गंभीर इंफेक्शन हो गया। परिवार को तब पता चला जब धागे की जगह से बदबू आने लगी और बच्चा असहज हो गया।
“यकीन मानिए, धागे की वजह से बच्चे की स्किन कट गई थी,” – डॉ. इमरान पटेल
🛑 ध्यान रखें ये बातें: डॉक्टर की सलाह
- गले, हाथ या कमर में काला धागा बिल्कुल न बांधें
➤ इन स्थानों पर बांधना खतरनाक हो सकता है क्योंकि नहाने के समय ठीक से सफाई नहीं हो पाती और गंदगी जमा हो जाती है। - अगर बांधना ही है, तो केवल एक पैर में
➤ पैरों में बंधा धागा मुंह से दूर रहता है और संक्रमण का खतरा कम होता है। - धागा समय-समय पर बदलते रहें
➤ बार-बार गीला और गंदा होने से यह इंफेक्शन का कारण बन सकता है। - साफ-सुथरी और लूज़ चूड़ियां बेहतर विकल्प
➤ बच्चों को बुरी नजर से बचाने के लिए आप उन्हें सॉफ्ट, ढीली चूड़ियां पहना सकते हैं। लेकिन इन्हें भी हर सप्ताह बदलना चाहिए।
👶 बच्चों की त्वचा बेहद संवेदनशील होती है
डॉक्टरों का कहना है कि नवजात की त्वचा बहुत नरम और संवेदनशील होती है। ऐसे में किसी भी धागे या वस्त्र का अधिक कसाव, लंबे समय तक गीला रहना या अस्वच्छता उनकी सेहत को नुकसान पहुँचा सकती है।
📢 डॉक्टर पटेल का संदेश: “परंपरा के साथ सावधानी भी ज़रूरी”
“लोग मुझे पागल समझ सकते हैं, लेकिन मैं यह कह रहा हूं बच्चों की सुरक्षा को देखते हुए। हमने खुद ऐसे केस देखे हैं, जहां परंपरा ने मासूम की सेहत पर बड़ा असर डाला।” – डॉ. इमरान पटेल
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