Approval: भोपाल: मध्य प्रदेश विधानसभा ने Shop & Factories Act में संशोधन पारित किया है, जिसके तहत महिलाएं अब शॉपिंग मॉल, फैक्ट्री और वाणिज्यिक प्रतिष्ठानों में रात 9 PM से सुबह 7 AM तक काम कर सकती हैं। यह निर्णय राज्य कैबिनेट की मंज़ूरी के बाद लागू हुआ है
🧑💼 उद्देश्य और व्यवस्था
श्रम मंत्री प्रह्लाद सिंह पटेल के अनुसार, इस संशोधन का उद्देश्य कार्यस्थल पर लैंगिक समावेशिता बढ़ाना और महिलाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करना है। नियोक्ता को कार्यस्थल के साथ-साथ परिवहन की जिम्मेदारी भी लेनी होगी, ताकि महिला कर्मचारियों की सुरक्षा बनी रहे।
🔐 लागू सुरक्षा मानदंड और शर्तें
कई खबरों में उल्लेखित निम्नलिखित प्रमुख सुरक्षा प्रोटोकॉल लागू होंगे:
- महिला कर्मचारियों की रात में काम करने के लिए लिखित सहमति अनिवार्य होगी।
- कार्यस्थल पर टॉयलेट, भोजन, पेयजल, विश्राम कक्ष, पर्याप्त रोशनी एवं CCTV व्यवस्था होनी चाहिए।
- महिला सुरक्षा गार्ड की तैनाती अनिवार्य होगी, यदि एक स्थान पर काम करने वाली महिलाएं 10 से अधिक हों ।
- कारखानों एवं प्रोडक्शन यूनिट्स में:
- कम से कम पांच महिला कर्मचारी एक साथ तैनात हों,
- टीमें बनाई जाएं, एवं नियोक्ता परिवहन सुविधा प्रदान करें।
- लैंगिक उत्पीड़न निवारण अधिनियम, 2013 (POSH Act) का अनुपालन सुनिश्चित किया जाएगा।
- सुपरवाइज़र, शिफ्ट इनचार्ज, फोरमैन आदि स्टाफ में कम से कम एक‑तिहाई महिलाएं होनी चाहिए ।
🌍 अपेक्षित प्रभाव और प्रभावशीलता
- यह सुधार महिला सशक्तिकरण और औद्योगिक विकास दोनों को समर्थन करता है — महिलाओं को रोजगार के नए अवसर मिलेंगे एवं उद्योगों को समृद्ध बनाने में मदद मिलेगी ।
- नियोक्ताओं पर सुरक्षा और अनुपालन की जिम्मेदारी बढ़ेगी — उल्लंघन के मामले में प्रशासनिक कार्रवाई की संभावना है।
📋 सारांश तालिका
श्रेणी | मुख्य बदलाव | प्रभाव |
---|---|---|
समय सीमा | रात 9 PM – सुबह 7 AM | महिला कर्मचारियों की रात की ड्यूटी को कानूनी मान्यता |
सहमति | लिखित अनुमति अनिवार्य | महिला कर्मचारियों की स्वैच्छिक भागीदारी सुनिश्चित |
सुरक्षा व सुविधाएं | CCTV, रोशनी, विश्राम कक्ष, सुरक्षा गार्ड | कार्यस्थल सुरक्षित एवं संरचित वातावरण |
टीम संरचना | कम से कम 5 महिलाएं + 1/3 महिलाएं सुपरवाइज़र मंडल में | कार्यस्थल पर लैंगिक संतुलन और निगरानी को सुनिश्चित करना |
अनुपालन कानून | POSH Act और अन्य नियमों का पालन | लैंगिक उत्पीड़न-मुक्त कार्यस्थल साभार… |
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