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Derecognition: 250 स्कूलों की मान्यता रद्द, 2500 बच्चों के भविष्य पर संकट

250 स्कूलों की मान्यता रद्द, 2500 बच्चों के

DPI ने दिए सरकारी स्कूलों में दाखिले के निर्देश

Derecognition: भोपाल। मध्य प्रदेश के विभिन्न जिलों में संचालित करीब 250 निजी स्कूलों की मान्यता शिक्षा विभाग द्वारा रद्द कर दी गई है। इन स्कूलों में पर्याप्त अधोसंरचना और ज़मीन से संबंधित दस्तावेज नहीं होने के कारण यह कार्रवाई की गई है। इस फैसले के चलते करीब 2500 छात्र-छात्राओं के भविष्य पर संकट गहराता नजर आ रहा था।

हालांकि अब लोक शिक्षण संचालनालय (DPI) ने स्थिति को नियंत्रित करने के लिए सभी जिला शिक्षा अधिकारियों (DEO) को निर्देश जारी किए हैं कि इन विद्यार्थियों को निकटतम सरकारी स्कूलों में एक सप्ताह के भीतर प्रवेश दिलाया जाए, जिससे उनकी पढ़ाई बाधित न हो।

भोपाल के 12 स्कूलों की भी मान्यता रद्द

राजधानी भोपाल के 12 निजी स्कूलों को भी इस कार्रवाई की सूची में शामिल किया गया है। इनमें अंकुर हायर सेकेंडरी स्कूल, सेवन हिल्स (जवाहर चौक), प्रीति हायर सेकेंडरी स्कूल (सर्वधर्म कोलार), राजपुष्पा, पार्थ, ज्ञान कृष्णा सहित अन्य स्कूल शामिल हैं। इन स्कूलों की मान्यता समाप्त होने का मुख्य कारण वैध भूमि दस्तावेजों की अनुपलब्धता रहा है।

स्कूल नहीं पेश कर पाए ज़मीन के वैध दस्तावेज

शिक्षा विभाग के अनुसार, इन स्कूलों ने मान्यता के लिए अनिवार्य भूमि और भवन से जुड़े दस्तावेज समय पर प्रस्तुत नहीं किए। कई स्कूलों के पास पर्याप्त ज़मीन नहीं थी, जबकि कुछ की ज़मीन निजी या किराए की थी, जो नियमों के अनुसार मान्य नहीं मानी गई। विभाग ने अपील पर विचार करते हुए लगभग 50 स्कूलों की मान्यता बहाल कर दी है, जबकि 50 अन्य मामलों पर अभी निर्णय लंबित है।

सरकारी स्कूलों में होगा छात्रों का समायोजन

DPI ने स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि प्रभावित छात्रों को सरकारी स्कूलों में समायोजित किया जाए। विभाग का अनुमान है कि करीब 2500 छात्रों को इस योजना के तहत सरकारी स्कूलों में दाखिला दिलाया जाएगा। इसके लिए शिक्षा विभाग की ओर से सभी जिलों को निर्देशित किया गया है कि एक सप्ताह के भीतर प्रवेश प्रक्रिया पूरी की जाए

शैक्षणिक सत्र के चार महीने बाद हुई कार्रवाई

गौरतलब है कि यह निर्णय ऐसे समय आया है जब नया शैक्षणिक सत्र शुरू हुए चार महीने हो चुके हैं। इससे छात्र और अभिभावक असमंजस की स्थिति में आ गए हैं। हालांकि शिक्षा विभाग का दावा है कि छात्रों की पढ़ाई प्रभावित नहीं होने दी जाएगी, और उन्हें पूरी सहायता दी जाएगी।

साभार…

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