702 मृतकों को अब भी अपनों की तलाश
Disaster: रुद्रप्रयाग: 2013 में उत्तराखंड के केदारनाथ में आई भयंकर प्राकृतिक आपदा को आज 12 साल हो चुके हैं, लेकिन 3075 लोग अब भी लापता हैं, जिनकी कोई जानकारी नहीं मिल पाई है। इनमें से 702 मृतकों की पहचान भी अब तक नहीं हो सकी है। अब एक बार फिर से लापता लोगों के कंकालों की खोज शुरू होने की तैयारी की जा रही है।
🔹 हाईकोर्ट का हस्तक्षेप और खोज अभियान
- उत्तराखंड हाईकोर्ट में दाखिल याचिका में सरकार से सम्मानपूर्वक अंतिम संस्कार की मांग की गई थी।
- कोर्ट ने 2016 और 2019 में सरकार को आदेश दिए थे कि लापता लोगों के अवशेष खोजे जाएं।
- सरकार अब तक चार बार खोजी टीमें भेज चुकी है, लेकिन 3075 में से अधिकांश लोगों का अब तक कोई पता नहीं चला।
🔍 अब तक कितने कंकाल बरामद हुए?
वर्ष | बरामद कंकालों की संख्या |
---|---|
2014 | 21 |
2016 | 9 |
2020 | 703 |
2024 (नवंबर) | 0 (कोई सफलता नहीं मिली) |
- अब 2025 में फिर से खोज अभियान चलाया जाएगा। इसके लिए आपदा प्रबंधन विभाग तैयारियों में जुटा है।
- आपदा प्रबंधन सचिव विनोद कुमार सुमन के अनुसार, रिपोर्ट जल्द हाईकोर्ट में पेश की जाएगी।
🧬 702 मृतकों की अब भी पहचान नहीं हो सकी
- अब तक 6,000 से अधिक लोगों के डीएनए सैंपल लिए गए थे, लेकिन इनमें से 702 मृतकों के डीएनए किसी से मेल नहीं खाए।
- यह बताता है कि या तो उनके परिजनों ने सैंपल नहीं दिए या वे भी आपदा में मारे गए।
🕯️ अब तक क्या हुआ अंतिम संस्कार के मामले में?
- 2020 में जो 703 नरकंकाल बरामद हुए थे, उनका डीएनए परीक्षण हुआ।
- अवशेषों को संरक्षित कर रखा गया है, लेकिन जिन्हें अब तक पहचान नहीं मिली, उनका सम्मानपूर्वक अंतिम संस्कार नहीं हो सका।
❗ समस्या क्यों बनी हुई है?
- भौगोलिक चुनौती: केदारनाथ क्षेत्र के पैदल मार्ग कठिन और जोखिमभरे हैं।
- लंबा समय बीत जाना: 12 सालों में बहुत से अवशेष नष्ट हो चुके होंगे।
- परिजनों का न मिलना: पहचान के लिए जरूरी डीएनए मिलान संभव नहीं हो पा रहा।
📌 अब आगे क्या?
- 2025 के अंत या उससे पहले नई खोज टीमों को फिर से रवाना किया जाएगा।
- उम्मीद की जा रही है कि बचे हुए लापता लोगों के अवशेष मिल सकें और उनका सम्मानपूर्वक अंतिम संस्कार किया जा सके।
- साभार…
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