Vastu: वास्तुशास्त्र के अनुसार घर या ऑफिस में दस्तावेजों और कागजातों को सही दिशा में रखना न केवल उन्हें सुरक्षित रखता है, बल्कि उनसे जुड़े कार्यों में सफलता और स्थिरता भी देता है। अलग-अलग प्रकार के कागजात के लिए अलग-अलग दिशाएं शुभ मानी जाती हैं।
1. नैऋत्य कोण (दक्षिण-पश्चिम) – स्थिरता और सुरक्षा
उपयुक्त कागजात:
- सोना-चांदी, रुपए-पैसे
- जमीन-जायदाद के कागजात
- वसीयत के दस्तावेज
- फिक्स्ड डिपॉजिट (FD)
- इंश्योरेंस पॉलिसी
विशेष सावधानियां:
- तिजोरी का मुख उत्तर की ओर हो।
- तिजोरी जमीन से सीधी न लगी हो, लकड़ी के आसन पर रखी जाए।
- तिजोरी दीवार से चिपकी न हो और दीवार के अंदर फिट न हो।
- तिजोरी में इतर, सेंट, नेलकटर, कैंची, सरौता जैसी चीजें न रखें।
- तिजोरी के आसपास टॉयलेट या किचन न हो।
- तिजोरी के अंदर या ऊपर काला और लाल रंग न हो।
2. वायव्य कोण (उत्तर-पश्चिम) – गति और प्रगति
उपयुक्त कागजात:
- इनकम टैक्स, सेल्स टैक्स के पेंडिंग केस
- कोर्ट-कचहरी से जुड़े ऐसे कागज, जो रुके हुए हों
- अटकी हुई जमीन-जायदाद से जुड़े दस्तावेज
- सम्मान पत्र, प्रशंसा पत्र
लाभ:
- रुके हुए कामों में तेजी आती है।
- मान-सम्मान और ख्याति फैलती है।
3. ईशाण कोण (उत्तर-पूर्व) – सकारात्मक ऊर्जा और सफलता
उपयुक्त कागजात:
- कमजोर पक्ष वाले इनकम टैक्स, सेल्स टैक्स और कोर्ट केस के कागजात
- विवादित संपत्ति के दस्तावेज
- धार्मिक किताबें और धार्मिक चित्र
लाभ:
- कानूनी मामलों में सकारात्मक परिणाम की संभावना बढ़ती है।
- धार्मिक और आध्यात्मिक ऊर्जा बढ़ती है।
- साभार…
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