Fastag: नई दिल्ली — स्वतंत्रता दिवस के मौके पर सरकार ने नेशनल हाईवे पर यात्रा करने वालों के लिए एनुअल FASTag पास की शुरुआत की है। इस पास की कीमत ₹3,000 रखी गई है, जो एक साल तक वैध रहेगा और धारक को 200 टोल क्रॉसिंग की सुविधा देगा।
सरकार का कहना है कि इस पास से एक टोल पार करने की औसत लागत करीब ₹15 होगी और इससे देशभर के नेशनल हाईवे टोल प्लाज़ा पर भीड़ कम होगी। मौजूदा FASTag की तरह हर बार बैलेंस रिचार्ज करने की झंझट भी नहीं रहेगी।
कौन लाभ ले सकता है
- केवल प्राइवेट, नॉन-कॉमर्शियल व्हीकल (कार, जीप, वैन) के लिए मान्य।
- व्हीकल का VAHAN डेटाबेस में ‘प्राइवेट व्हीकल’ के रूप में रजिस्टर्ड होना जरूरी।
- मौजूदा FASTag पर ही एक्टिव होगा, नया FASTag खरीदने की जरूरत नहीं।
कहाँ मान्य होगा
- NHAI और सड़क परिवहन मंत्रालय के अधीन नेशनल हाईवे और नेशनल एक्सप्रेसवे पर, जैसे अहमदाबाद-वडोदरा एक्सप्रेसवे, ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेसवे, दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे, वडोदरा-मुंबई एक्सप्रेसवे।
- नहीं मान्य: स्टेट हाईवे, नगरपालिका टोल रोड और प्राइवेट एक्सप्रेसवे (यमुना एक्सप्रेसवे, मुंबई-पुणे एक्सप्रेसवे, आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे)।
मुख्य शर्तें
- पास नॉन-ट्रांसफरेबल है, केवल रजिस्टर किए गए वाहन पर ही उपयोग हो सकेगा।
- ब्लैकलिस्टेड FASTag या चेसिस नंबर पर रजिस्टर्ड FASTag पर एक्टिव नहीं होगा।
- पॉइंट-बेस्ड टोल प्लाज़ा पर हर पार एक क्रॉसिंग मानी जाएगी; क्लोज्ड टोलिंग सिस्टम में एक एंट्री-एग्जिट को एक क्रॉसिंग माना जाएगा।
केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि पहले 200 टोल क्रॉसिंग पर करीब ₹10,000 का खर्च आता था, लेकिन अब ₹3,000 में ही यह सुविधा मिल सकेगी।
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