Objection: भोपाल — डिजिटल इंडिया के दौर में जहां ऑनलाइन शॉपिंग हर क्षेत्र में तेजी से बढ़ रही है, वहीं अब दवाओं की ऑनलाइन बिक्री और क्विक डिलीवरी ने स्वास्थ्य विशेषज्ञों और व्यापारिक संगठनों की चिंता बढ़ा दी है। भोपाल केमिस्ट एसोसिएशन ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को पत्र लिखकर इस प्रथा को “खतरनाक” बताते हुए तत्काल रोक लगाने की मांग की है।
ऑनलाइन दवा बिक्री से नशे का खतरा
संगठन का आरोप है कि कुछ ई-फार्मेसी और क्विक कॉमर्स प्लेटफॉर्म औषधि एवं प्रसाधन सामग्री अधिनियम के प्रावधानों का उल्लंघन कर रहे हैं। ये बिना उचित प्रिस्क्रिप्शन सत्यापन के दवाएं मिनटों में पहुंचा रहे हैं, जिससे खासकर युवाओं में नशीली दवाओं के दुरुपयोग का खतरा बढ़ रहा है।
मादक द्रव्यों के सेवन को बढ़ावा
पत्र में कहा गया है कि प्री-गैबलिन जैसी लत लगाने वाली दवाओं की ऑनलाइन आसान पहुंच ने इनके दुरुपयोग में तेजी लाई है। कई मामलों में बिना वास्तविक चिकित्सकीय पर्चे और निगरानी के शेड्यूल एच/एच1/एक्स दवाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं।
मुख्य मांगें
- शेड्यूल एच/एच1/एक्स दवाओं की ऑनलाइन बिक्री पर प्रतिबंध।
- 10 मिनट में दवा डिलीवरी की सुविधा पर तत्काल रोक।
- औषधि एवं प्रसाधन सामग्री अधिनियम का उल्लंघन करने वाली ई-फार्मेसियों को बंद करना।
अखिल भारतीय केमिस्ट एवं ड्रगिस्ट संगठन (AIOCD) के बैनर तले यह विरोध अभियान देशभर में चलाया जा रहा है। संगठन का कहना है कि अगर समय रहते रोक नहीं लगी, तो आने वाले समय में युवाओं में नशे की लत और अधिक फैल सकती है।
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