NGO: नई दिल्ली। 79वें स्वतंत्रता दिवस पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लाल किले से राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) की जमकर सराहना की। उन्होंने कहा कि आरएसएस पिछले 100 सालों से व्यक्ति निर्माण से राष्ट्र निर्माण के सिद्धांत पर काम कर रहा है और मां भारती की सेवा में जीवन समर्पित कर चुका है। पीएम ने इसे दुनिया का सबसे बड़ा गैर-सरकारी संगठन (एनजीओ) बताया, जिसके पास निष्ठा और समर्पण का गौरवशाली इतिहास है।
🔑 पीएम मोदी के मुख्य बयान
- आरएसएस ने बीते सौ वर्षों में राष्ट्र सेवा और समाज उत्थान को अपना ध्येय बनाया।
- संगठन ने शिक्षा, संस्कार और सेवा कार्यों के जरिए लाखों युवाओं को प्रेरित किया।
- “व्यक्ति निर्माण से राष्ट्र निर्माण” की विचारधारा ने समाज में सकारात्मक परिवर्तन लाया।
🗣️ मोहन भागवत का संबोधन
आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने इस अवसर पर तिरंगा फहराया और कहा:
- भारत का उद्देश्य दुनिया में शांति और खुशी फैलाना है।
- भारत का धर्म और जीवन दर्शन पूरी दुनिया के साथ साझा होना चाहिए।
- आजादी का असली लक्ष्य है हर व्यक्ति को सुख, हिम्मत, सुरक्षा, शांति और सम्मान दिलाना।
🎉 समारोह की झलकियां
- लाल किले पर करीब 5,000 विशेष मेहमान मौजूद रहे।
- इनमें स्पेशल ओलंपिक 2025 की भारतीय टीम, अंतरराष्ट्रीय खेलों के विजेता, खेलो इंडिया पैरा गेम्स के स्वर्ण पदक विजेता और राष्ट्रीय मधुमक्खी पालन व शहद मिशन से जुड़े किसान शामिल थे।
- रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, राज्य मंत्री संजय सेठ, और तीनों सेनाओं के प्रमुख भी उपस्थित रहे।
- 128 जवानों की टुकड़ी ने सलामी गारद पेश की, जिसका नेतृत्व विंग कमांडर अरुण नागर ने किया।
👉 इस स्वतंत्रता दिवस पर आरएसएस के 100 वर्ष पूरे होने पर पीएम मोदी और संघ प्रमुख दोनों ने इसे राष्ट्र निर्माण में योगदान देने वाला अद्वितीय संगठन बताया।
साभार…
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