Key Partners: वाशिंगटन। अमेरिका की पूर्व राजदूत निक्की हेली ने चीन के बढ़ते प्रभाव को संतुलित करने के लिए भारत को रणनीतिक दृष्टि से सबसे महत्वपूर्ण साझेदार बताया है। न्यूज़वीक में प्रकाशित अपने विचार लेख में हेली ने कहा कि यदि अमेरिका भारत के साथ 25 वर्षों से चली आ रही प्रगति को रोकता है तो यह एक रणनीतिक आपदा होगी।
भारत का उदय दुनिया के लिए खतरा नहीं
निक्की हेली ने कहा कि लोकतांत्रिक भारत का उदय, चीन की तरह विश्व के लिए खतरा नहीं है। उन्होंने लिखा, “एशिया में चीनी प्रभुत्व का प्रतिकार करने वाले एकमात्र देश के साथ बनी गति को रोकना बड़ी भूल होगी।”
अमेरिकी सप्लाई चेन में भारत की भूमिका
हेली ने भारत की उत्पादन क्षमता की सराहना की और कहा कि भारत कपड़ा, मोबाइल फोन और सौर पैनल जैसे उत्पादों का बड़े पैमाने पर उत्पादन कर सकता है। इससे अमेरिका को अपनी सप्लाई चेन को चीन से हटाकर भारत पर स्थानांतरित करने में मदद मिलेगी।
रक्षा और मध्य पूर्व में महत्व
पूर्व राजदूत ने भारत की बढ़ती रक्षा क्षमताओं और मध्य पूर्व में उसकी सक्रिय भूमिका को भी रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि अमेरिका कम सैनिक और संसाधन भेजना चाहता है, ऐसे में भारत का प्रभाव इस क्षेत्र में स्थिरता बनाए रखने में सहायक होगा।
चीन के लिए सबसे बड़ी चुनौती भारत
निक्की हेली ने कहा कि भारत दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती प्रमुख अर्थव्यवस्था है और जल्द ही जापान को पछाड़ देगा। उन्होंने स्पष्ट किया कि भारत का उदय चीन की वैश्विक महत्वाकांक्षाओं के सामने सबसे बड़ी बाधा है।
मतभेद दूर करने का सुझाव
उन्होंने चेतावनी दी कि व्यापार विवाद को स्थायी दरार में बदलना बड़ी गलती होगी। हेली ने भारत को सलाह दी कि वह रूसी तेल को लेकर राष्ट्रपति ट्रंप से सीधे बातचीत करे। साथ ही, ट्रंप से आग्रह किया कि वह जल्द से जल्द प्रधानमंत्री मोदी से संवाद कर बिगड़ते रिश्तों को संभालें।
“भारत जैसा दोस्त चाहिए”
निक्की हेली ने कहा कि अमेरिका को साझा लक्ष्यों को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए और चीन से मुकाबले के लिए भारत जैसा मित्र जरूरी है। यह बयान उस समय आया है जब अमेरिका ने भारतीय वस्तुओं पर 25 प्रतिशत अतिरिक्त शुल्क लगाने की घोषणा की है, जिससे कुल शुल्क 50 प्रतिशत तक पहुंच जाएगा।
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