सरकारी आवासीय विद्यालय के प्रिंसिपल-वार्डन निलंबित
Suspended: डिजिटल डेस्क। कर्नाटक के एक सरकारी आवासीय विद्यालय में शुक्रवार (27 अगस्त) को बेहद चौंकाने वाली घटना सामने आई। कक्षा 9 की छात्रा ने स्कूल के शौचालय में बच्चे को जन्म दिया। घटना दोपहर करीब 2 बजे हुई, जब छात्रा अचानक प्रसव पीड़ा से तड़पने लगी।
सूत्रों के मुताबिक, पीड़िता पिछले नौ महीनों से गर्भवती थी। आरोप है कि उसका यौन शोषण एक अज्ञात व्यक्ति ने किया था। घटना के बाद छात्रा ने शुरुआत में कोई जानकारी साझा करने से इनकार किया, बस इतना कहा कि उसे अचानक पेट में दर्द हुआ।
स्कूल प्रशासन हरकत में आया
अन्य छात्राओं ने जब पीड़िता को प्रसव पीड़ा में देखा तो स्कूल प्रशासन को सूचना दी। तुरंत उसे अस्पताल ले जाया गया। फिलहाल छात्रा और नवजात दोनों की हालत स्थिर बताई जा रही है।
जिम्मेदारों पर कार्रवाई
छात्रा की गर्भावस्था की जानकारी छिपाने और समय पर अधिकारियों को न बताने के आरोप में प्रिंसिपल, हॉस्टल वार्डन, स्टाफ नर्स और छात्रा के भाई के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। कर्नाटक आवासीय शैक्षणिक संस्थान सोसाइटी ने भी इस घटना का संज्ञान लेते हुए प्रिंसिपल और वार्डन सहित चार कर्मचारियों को निलंबित कर दिया है।
जांच और कड़ा एक्शन
यादगीर के डीसी हर्षल भोयर और एसपी पृथ्वी शंकर ने संयुक्त बयान में कहा कि पूरे मामले की जांच की जा रही है। लापरवाही करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी। साथ ही बाल विवाह और घटना को छिपाने की दिशा में भी जांच की जाएगी।
बाल अधिकार आयोग की चिंता
बाल अधिकार आयोग के सदस्य शशिधर कोसुम्बे ने इस घटना पर गहरी चिंता जताई। उन्होंने कहा कि मासिक मेडिकल जांच न कराना और समाज कल्याण विभाग की लापरवाही इस घटना की बड़ी वजह है। आयोग ने भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकने के लिए सख्त कदम उठाने की मांग की है।
आगे की योजना
प्रशासन ने आश्वासन दिया है कि अब से हर आवासीय विद्यालय के हॉस्टल में नोडल अधिकारी नियुक्त किए जाएंगे और नियमित स्वास्थ्य जांच अनिवार्य होगी।
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