New initiative: भोपाल। मध्य प्रदेश सरकार अब होटल-रेस्टोरेंट में परोसे जाने वाले शाकाहारी और मांसाहारी भोजन की स्पष्ट पहचान सुनिश्चित करने की तैयारी कर रही है। इसके तहत बाहर से ही यह पता चल सकेगा कि होटल में भोजन शाकाहारी है या मांसाहारी।
क्या होगा नया सिस्टम?
- हरा गोल निशान → पूरी तरह शाकाहारी भोजन परोसने वाले होटल/रेस्टोरेंट।
- लाल गोल निशान → केवल मांसाहारी भोजन परोसने वाले होटल/रेस्टोरेंट।
- आधा हरा, आधा लाल निशान → जहां शाकाहारी और मांसाहारी दोनों प्रकार का भोजन मिलेगा।
खाने के पैकेट की तरह ही होटल-रेस्टोरेंट के बाहर लगे बोर्ड पर भी यह निशान लगाना अनिवार्य होगा।
मालिक का नाम भी लिखना जरूरी
सरकार ने यह भी प्रस्ताव रखा है कि होटल चलाने का लाइसेंस लेने वाले का नाम बोर्ड पर लिखना अनिवार्य हो। ताकि उपभोक्ताओं को पारदर्शिता मिले और किसी तरह की भ्रम की स्थिति न बने।
देशभर में लागू हो सकती है व्यवस्था
यह प्रस्ताव भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण (FSSAI) को भेजा गया है। यदि एक्ट में संशोधन होता है तो यह व्यवस्था सिर्फ मध्य प्रदेश ही नहीं, बल्कि पूरे देश में लागू होगी।
क्यों पड़ी जरूरत?
इस साल कांवड़ यात्रा के दौरान मेरठ के आसपास ऐसे मामले सामने आए थे, जहां होटलों के नाम हिंदू रीति-रिवाज से जुड़े थे, लेकिन मालिक अन्य समुदाय से थे। बाद में उत्तर प्रदेश सरकार ने दुकानों-होटलों पर मालिक का नाम लिखना अनिवार्य कर दिया।
डिलीवरी पर भी सख्ती
प्रदेश के स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा राज्य मंत्री नरेंद्र शिवाजी पटेल ने कहा—
“खाने के पैकेट की तरह ही होटल के बोर्ड में हरा और लाल निशान होना चाहिए। साथ ही यह कोशिश भी है कि घर-घर भोजन पहुंचाने वाली कंपनियों में शाकाहारी भोजन पहुंचाने वाला डिलीवरी बॉय खुद शाकाहारी हो।”
साभार…
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