टीबी जैसे लक्षण से होता है भ्रम
Exposure: भोपाल। अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) भोपाल के डॉक्टर्स ने एक गंभीर संक्रामक बीमारी मेलियोइडोसिस को लेकर चौंकाने वाला खुलासा किया है। रिपोर्ट के अनुसार, यह रोग टीबी जैसे लक्षण दिखाता है, जिसके कारण डॉक्टर तक अक्सर भ्रमित हो जाते हैं और गलत इलाज हो जाता है। नतीजतन, हर 10 मरीजों में से 4 की मौत हो जाती है।
अब तक 130 केस मिले
एम्स भोपाल की रिपोर्ट के अनुसार, मध्यप्रदेश के 20 से अधिक जिलों में पिछले छह वर्षों में 130 से ज्यादा मरीज मेलियोइडोसिस से ग्रसित पाए गए हैं। यह रोग बैक्टीरिया जनित है और समय पर सही इलाज न मिलने पर जानलेवा साबित होता है।
क्यों होता है भ्रम?
- इस बीमारी के लक्षण टीबी से मिलते-जुलते हैं।
- कई बार मरीज को लंबे समय तक बुखार,
- बार-बार फोड़े होना,
- और एंटी-टीबी दवाओं का असर न होना जैसी समस्याएं दिखाई देती हैं।
ज्यादातर मामलों में जब तक सही पहचान होती है, तब तक संक्रमण पूरे शरीर में फैल जाता है और मरीज की मौत हो जाती है।
बीमारी का फैलाव और खतरा
डॉक्टर्स का कहना है कि मेलियोइडोसिस अब प्रदेश में स्थानिक (एंडेमिक) रूप ले चुकी है। इसका मतलब है कि यह रोग अब लगातार फैल रहा है और भविष्य में और गंभीर हो सकता है।
एम्स की पहल
एम्स भोपाल ने राज्यभर में जागरूकता और प्रशिक्षण अभियान शुरू किया है। अब तक 25 स्वास्थ्य संस्थानों के 50 से अधिक माइक्रोबायोलॉजिस्ट और चिकित्सकों को प्रशिक्षण दिया गया है। इस पहल से भोपाल, इंदौर, सागर और अन्य जिलों में हाल ही में 14 नए केस की पहचान हो सकी है।
विशेषज्ञों की सलाह
डॉक्टर्स ने चेतावनी दी है कि अगर किसी को 2–3 हफ्तों से ज्यादा समय तक बुखार रहता है, एंटी-टीबी दवाओं से फायदा नहीं होता, या बार-बार फोड़े बनते हैं, तो तुरंत विशेषज्ञ से मेलियोइडोसिस की जांच करवानी चाहिए।
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