कोसमी डैम में आस्था के साथ दी माँ को विदाई
बैतूल। महाकाली सितारा मंडल टिकारी के द्वारा प्रतिवर्षानुसार इस वर्ष भी महाकाली की प्रतिमा की स्थापना की थी। पूरे नवरात्रि में पंडाल में आरती, पूजन के साथ ही हजारों की संख्या में प्रतिदिन श्रद्धालु दर्शन के लिए आ रहे थे। आधी रात को शयन आरती में श्रद्धालुओं की संख्या प्रतिदिन बढ़ती जा रही थी और अंतिम दिन इसमें और अधिक इजाफा हो गया था। रिकार्ड तोड़ श्रद्धालुओं की मौजूदगी में शयन आरती की गई। मध्य रात्रि में महाकाली की प्रतिमा विसर्जन जुलूस निकाला गया। विसर्जन जुलूस सबसे लंबा था। इसमें हजारों की संख्या में श्रद्धालु चल रहे थे। मातारानी का कई स्थानों पर पुष्पवर्षा कर भव्य स्वागत किया गया और आरती भी की गई।
24 फीट ऊंची विराजित की थी प्रतिमा

टिकारी स्थित महाकाली सितारा मंडल और महाकाली मंदिर के द्वारा पिछले 50 वर्षों से अधिक समय से महाकाली की प्रतिमा विराजित की जाती है। महाकाली मंदिर से जुड़े भक्तों ने बताया कि शुरू में हाथ से बनी छोटी प्रतिमा की स्थापना की जाती थी। धीरे-धीरे यह आयोजन वृहद रूप लेता गया और प्रतिमा की ऊंचाई भी बढ़ती गई। इस वर्ष 24 फीट ऊंची प्रतिमा विराजित की गई जो कि भक्तों के आकर्षण का केंद्र बनी हुई थीं। सबसे खास बात यह थी कि नवरात्रि के दौरान बारिश भी हुई लेकिन बारिश भक्तों का उत्साह कम नहीं कर पाई। भक्त बारिश में भी आरती में शामिल होते रहे।
जगह-जगह पुष्पवर्षा का किया स्वागत

मध्य रात्रि टिकारी काली मंदिर से नगर सेठानी महाकाली माता का विसर्जन जुलूस शुरू हुआ जो चांदनी चौक, ईसाई चौक, लल्ली चौक, कारगिल चौक, गेंदा चौक, करबला घाट और तितली चौराहे से होते हुए कोसमी डैम पहुंचा। शहर का यह सबसे लंबा विसर्जन जुलूस है जिसमें रास्ते में महाकाली के दर्शन के लिए बड़ी संख्या में श्रद्धालु खड़े दिखाई दिए। कई स्थानों पर श्रद्धालुओं पर मातारानी पर पुष्प वर्षा भी की। महाकाली के प्रति श्रद्धालुओं की आस्था का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि विसर्जन जुलूस में चल रहे भक्त 12 घंटे से ज्यादा समय तक मातारानी के साथ चलते रहे।
महाकाली का हुआ विसर्जन

नगर सेठानी महाकाली के विसर्जन को लेकर श्रद्धालुओं में काफी भावुक उत्साह नजर आ रहा था। जब मातारानी की प्रतिमा कोसमी डैम पर पहुंची तो वहां पर आखरी महाआरती का आयोजन किया गया। इस महाआरती में हजारों की संख्या में श्रद्धालु मौजूद थे जो अपने हाथों में आरती की थाली लेकर माँ की आराधना करते हुए नजर आया। यह नजारा ऐसा था जो कि बहुत कम ही देखने को मिलता है। माँ की आरती से समूचा क्षेत्र गुंजायमान हो गया था। महाआरती के बाद नगर सेठानी महाकाली माता का विसर्जन किया गया। सभी ने माता से खूब आशीर्वाद मांगा और अगले वर्ष फिर महाकाली को विराजित करने का संकल्प लेकर उन्हें विदाई दी।
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