दो महीने पहले बर्फ से ढका ऊपरी हिमालय, ला नीना देगा ठंडी सर्दियों के संकेत
Winter: नई दिल्ली / भोपाल। इस साल देश में तेज और लंबी सर्दी पड़ने की संभावना है। कारण यह है कि ऊपरी हिमालय का 86% हिस्सा दो महीने पहले ही बर्फ से ढक गया है। मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार, हाल में आए वेस्टर्न डिस्टरबेंस के चलते हिमालय पर तापमान सामान्य से 2 से 3 डिग्री सेल्सियस कम बना हुआ है, जिससे बर्फ पिघल नहीं रही है।
डॉ. मेहता के अनुसार, यह स्थिति ग्लेशियरों के लिए अच्छा संकेत है — इस बार बर्फबारी से ग्लेशियरों को पांच साल तक के लिए रिचार्ज मिलने की संभावना है। इससे उत्तर भारत की नदियों में जलस्तर बना रहेगा।
🏔️ नेपाल से कश्मीर तक बर्फ की सफेद चादर
सिक्किम, उत्तराखंड, हिमाचल, कश्मीर और नेपाल तक पूरे ऊपरी हिमालय में ताजा बर्फबारी हुई है।
कैचमेंट एरिया यानी जल भंडारण क्षेत्र भी बढ़ गया है। नतीजतन, मध्य और निम्न हिमालयी क्षेत्रों में अक्टूबर की शुरुआत से ही पारा गिरना शुरू हो गया है।
🌡️ मध्य प्रदेश और राजस्थान में ठंड ने दी दस्तक
- भोपाल में न्यूनतम तापमान 15.8°C रिकॉर्ड किया गया, जो सामान्य से 3.6°C कम है।
यह पिछले 26 सालों में अक्टूबर के पहले पखवाड़े में तीसरी बार इतना कम तापमान है। - राजस्थान के सीकर में रात का तापमान 15°C से नीचे पहुंच गया है।
दिन और रात के तापमान में स्पष्ट अंतर नजर आने लगा है।
🌊 ला नीना से दिसंबर में बढ़ेगी ठंड
मौसम विभाग के मुताबिक, दिसंबर में ला नीना सक्रिय रहेगा। यह प्रशांत महासागर के सतही तापमान के सामान्य से ठंडा होने की मौसमी घटना है।
ला नीना के चलते भारत में
- अच्छी बारिश,
- अधिक ठंड,
- और औसत तापमान में 3-4°C की गिरावट दर्ज की जा सकती है।
🌍 वैश्विक स्तर पर भी तापमान में गिरावट की संभावना
वैज्ञानिक आंकड़ों के अनुसार, पिछले 122 सालों में वैश्विक औसत तापमान 0.99°C बढ़ा है।
हालांकि, 2025 के अंत तक यह वृद्धि अस्थायी रूप से उलट सकती है।
ला नीना के कारण इस साल वैश्विक औसत तापमान 0.2°C तक घटने की संभावना है।
साभार …
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