निवेशकों के लिए क्या है संकेत?
Bumper speed: इस साल चांदी के दामों में ऐतिहासिक उछाल देखा गया है। यह अब तक के रिकॉर्ड स्तर ₹1.75 लाख प्रति किलो पर पहुंच गई है। यानी साल भर में 100% से ज्यादा बढ़त, जो सोने के मुकाबले लगभग 37% अधिक रिटर्न है।
लेकिन आखिर यह उछाल क्यों आया, आगे क्या रुझान रह सकता है और निवेशक क्या करें — आइए समझते हैं👇
💥 चांदी के दाम क्यों बढ़ रहे हैं?
1️⃣ फेस्टिव सीजन की डिमांड
भारत दुनिया में चांदी का सबसे बड़ा उपभोक्ता है।
धनतेरस और दिवाली पर सोना-चांदी खरीदना शुभ माना जाता है। त्योहारी डिमांड से इस बार चांदी की खरीद रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गई है।
2️⃣ इंडस्ट्रियल उपयोग तेजी से बढ़ा
- सोलर पैनल मैन्युफैक्चरिंग,
- इलेक्ट्रिक व्हीकल (EV) और
- AI टेक्नोलॉजी उपकरणों में चांदी की भारी खपत होती है।
ग्रीन एनर्जी की ओर झुकाव के कारण इंडस्ट्री में सिल्वर की मांग लगातार बढ़ रही है।
3️⃣ सप्लाई की कमी
- कई देशों में माइनिंग पर पर्यावरणीय नियमों की वजह से उत्पादन घटा है।
- करीब 70% चांदी, कॉपर और जिंक की खुदाई से बाय-प्रोडक्ट के रूप में निकलती है।
यानी जब तक तांबा-ज़िंक की माइनिंग नहीं बढ़ेगी, चांदी की सप्लाई नहीं सुधरेगी।
डिमांड और सप्लाई के बीच का यह बड़ा गैप कीमतें ऊपर खींच रहा है।
💬 क्या अभी चांदी में निवेश करना सही है?
📉 शॉर्ट टर्म में सावधानी, लॉन्ग टर्म में मौका
विशेषज्ञ | राय |
---|---|
रेनिशा चेनानी (Augment) | चांदी की लंबी अवधि की तेजी जारी रह सकती है, लेकिन अभी दाम ऊंचे हैं। नई खरीदारी फिलहाल टालें। |
अजय केडिया (Kedia Commodity) | चांदी पहले ही 100% बढ़ चुकी है। आक्रामक निवेश न करें, लेकिन लॉन्ग टर्म में सोने से ज्यादा रिटर्न दे सकती है। |
अनुज गुप्ता (HDFC Securities) | चांदी अभी गोल्ड की तुलना में वैल्यूएशन पर सस्ती है। गिरावट पर खरीदारी करें, क्योंकि इंडस्ट्रियल डिमांड बनी रहेगी। |
💰 चांदी में निवेश के 3 सुरक्षित तरीके
1️⃣ फिजिकल सिल्वर (चांदी के सिक्के/बार)
- सीधा और पारंपरिक तरीका।
- BIS हॉलमार्क्ड चांदी ही खरीदें।
- चोरी और स्टोरेज रिस्क रहता है।
- बैंक, ज्वेलर या ऑनलाइन प्लेटफॉर्म से खरीदी जा सकती है।
2️⃣ सिल्वर ETF (Exchange Traded Fund)
- यह चांदी की कीमतों से जुड़ा फाइनेंशियल फंड है।
- डिमैट अकाउंट के जरिए स्टॉक एक्सचेंज पर खरीदा जा सकता है।
- इसमें शुद्धता या स्टोरेज की चिंता नहीं होती।
- कम रिस्क और लंबी अवधि के निवेश के लिए उपयुक्त।
3️⃣ सिल्वर फ्यूचर्स (MCX पर ट्रेडिंग)
- यह डेरिवेटिव कॉन्ट्रैक्ट है, जहां आप भविष्य की तारीख पर तय कीमत पर खरीद-बिक्री करते हैं।
- कम पूंजी में ज्यादा ट्रेड, लेकिन जोखिम भी ज्यादा।
- शॉर्ट-टर्म ट्रेडर्स और अनुभवी निवेशकों के लिए उपयुक्त।
📊 निवेश रणनीति (Experts की सलाह)
- लॉन्ग टर्म (1–3 साल) में चांदी में अपसाइड ट्रेंड बना रह सकता है।
- शॉर्ट टर्म में प्रॉफिट बुकिंग और उतार-चढ़ाव संभव है।
- निवेशक 10–15% पोर्टफोलियो चांदी में रख सकते हैं।
- गिरावट पर धीरे-धीरे SIP या किस्तों में खरीदारी करें।
🪙 संक्षेप में:
- रिकॉर्ड हाई पर चांदी खरीदना जल्दबाजी हो सकती है।
- लेकिन आने वाले वर्षों में ग्रीन एनर्जी और टेक इंडस्ट्री की डिमांड इसे नई ऊंचाइयों तक ले जा सकती है।
- समझदारी यह है कि अभी नहीं, बल्कि गिरावट पर धीरे-धीरे निवेश शुरू करें।
- साभार…
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