Negligence: ग्वालियर। मध्य प्रदेश के ग्वालियर जिले में स्वास्थ्य विभाग की बड़ी लापरवाही का मामला सामने आया है। जिला अस्पताल मुरार के अधीन प्रसूति गृह अस्पताल में बच्चों को दी जा रही एजिथ्रोमाइसिन ओरल सस्पेंशन एंटीबायोटिक सिरप में कीड़े पाए गए हैं। एक महिला ने बोतल में काले रंग के कीड़े जैसे तत्व देखकर इसकी शिकायत की, जिसके बाद विभाग में हड़कंप मच गया।
जानकारी के अनुसार, मंगलवार को ओपीडी में बच्चे को दिखाने आई महिला को डॉक्टर ने यह सिरप वितरण केंद्र से दिलवाया था। घर जाकर जब उसने बोतल खोली, तो अंदर कीड़े दिखाई दिए। महिला ने तुरंत इसकी जानकारी सिविल सर्जन डॉ. आर.के. शर्मा को दी, जिन्होंने तत्काल जांच शुरू कराई।
ड्रग विभाग की कार्रवाई
शिकायत के बाद ड्रग इंस्पेक्टर अनुभूति शर्मा की अगुवाई में जांच टीम ने अस्पताल के दवा स्टोर से सिरप के सैंपल लिए और जांच के लिए भोपाल की लैब भेज दिए। संबंधित बैच की पूरी खेप को अस्पतालों और वितरण केंद्रों से वापस मंगाने के आदेश दिए गए हैं। साथ ही एहतियातन अन्य दवाओं के सैंपल भी लिए गए हैं।
पूरे प्रदेश में जांच शुरू
प्रारंभिक जानकारी के मुताबिक यह सिरप भोपाल स्थित सरकारी स्टोर से पूरे प्रदेश में सप्लाई किया गया था। अब ड्रग विभाग बैच नंबर के आधार पर यह पता लगा रहा है कि यह दवा अन्य जिलों में भी वितरित हुई या नहीं।
अधिकारियों के बयान
सिविल सर्जन राजेश शर्मा ने बताया कि महिला तीन दिन पहले सिरप लेकर गई थी और घर जाकर बोतल खोलने पर कीड़े निकले। वहीं मप्र पब्लिक हेल्थ सर्विसेज कॉर्पोरेशन लिमिटेड के एमडी मयंक अग्रवाल ने कहा कि संभव है बोतल घर में खुली रहने से कीड़ा चला गया हो। फिर भी, शिकायत वाले बैच के सैंपल जांच के लिए भेजे गए हैं। उन्होंने कहा कि सिरप की सप्लाई से पहले तीन-स्तरीय जांच प्रक्रिया पूरी की जाती है।
पृष्ठभूमि में सिरप कांड से 26 बच्चों की मौतें
गौरतलब है कि मध्य प्रदेश में हाल ही में जहरीले कफ सिरप से बच्चों की मौतों का मामला सामने आया था, जिसमें अब तक 26 मासूमों की जान जा चुकी है। ऐसे में ग्वालियर का यह नया मामला स्वास्थ्य विभाग की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े कर रहा है।
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