फारेस्ट की अनुमति नहीं मिलने से कार्य में आया व्यवधान
Betul News: बैतूल । केन्द्रीय सडक़ परिवहन मंत्री नीतिन गडकरी अपने पारिवारिक व्यक्तिगत एक दिवसीय प्रवास पर बैतूल के ग्राम चूरना पहुंचे जहां भाजपा प्रदेश अध्यक्ष हेमंत खंडेलवाल, केन्द्रीय राज्य मंत्री दुर्गादास उइके, भाजपा जिलाध्यक्ष सुधाकर पंवार एवं स्थानीय विधायक गंगा उइके ने स्वागत कर विभिन्न विषयों पर चर्चा की। इस दौरान बरेठा घाट को लेकर जनप्रतिनिधियों ने जब बरेठा घाट निर्माण को लेकर उनसे चर्चा की तो श्री गडकरी ने बताया कि फारेस्ट अनुमति नहीं दे रहा है। श्री गडकरी ने एनएएचआई के अधिकारियों को फारेस्ट से अनुमति मिलते ही कार्य प्रारंभ करने के लिए निर्देशित किया। श्री गडकरी से हुई चर्चा को लेकर भाजपा प्रदेश अध्यक्ष श्री खण्डेलवाल ने बताया कि अभी कुछ दिनों बाद वाइल्ड लाइफ बोर्ड की बैठक हो रही है जिसमें एनएचएआई प्रस्ताव रखेगी। और अनुमति मिलते ही बरेठा घाट निर्माण कार्य की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी ऐसा आश्वासन केंद्रीय परिवहन मंत्री के द्वारा जिले के भाजपा नेताओं को दिया गया है। इस के साथ बैतूल के जनप्रतिनिधियो द्वारा बैतूल-आशापुर फोर लेन एवं बैतूल – परतवाडा फोर लेन कार्य पर भी चर्चा कर जानकारी ली। इस दौरान श्रवण कुमार सिंह एनएचएआई आरओ मध्यप्रदेश एवं मनीष मीणा प्रोजेक्ट डायरेक्टर बैतूल हरदा, बैतूल ईटारसी उपस्थित रहे।
15 साल से अनुमति का इंतजार

राजनैतिक हलको में यह चर्चा आम हो रही है कि इस फोरलेन सडक़ को कंपलिट करने के लिए 15 वर्ष का समय होते आ रहा है लेकिन इन 15 वर्षों में फारेस्ट की अनुमति नहीं मिलने को लेकर क्या मानेंगे जबकि इन 15 वर्षों में सांसद और केंद्रीय मंत्री भाजपा का है। वहीं जिले के सभी जनप्रतिनिधि भी लंबे समय से भाजपा का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं। आम लोगों का कहना है कि फारेस्ट की अनुमति का पेंच यदि बरेठा घाट में फंसा हुआ है तो बैतूल से इटारसी तक सडक़ क्यों बदहाल हालत में है। यहां पर निर्माण कार्य करने के लिए कौन सी अनुमति का इंतजार किया जा रहा है। दरअसल जिले के टॉप टू बॉटम जनप्रतिनिधियों की भोपाल और दिल्ली में दमदारी से सुनवाई ही नहीं होती है जिसके कारण जिले की जनता गड्ढों में सडक़ का दंश झेलने को मजबूर हो रही है।
कांग्रेस नेता पहुंचे थे ज्ञापन देने

फोरलेन की बदहाली को लेकर जिला कांग्रेस अध्यक्ष निलय डागा और उनके दो सैकड़ा समर्थक कुंडी टोल पर एकत्र होकर केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी का इंतजार करते रहे और जब मंत्री आए तो बिना ज्ञापन लिए ही चकमा देकर आगे निकल गए। बताया जा रहा है कि इसमें प्रशासन का भी रोल नजर आ रहा है जिसने केंद्रीय मंत्री तक ज्ञापन पहुंचने में बाधा पहुंचाई। पुलिस और प्रशासन ने पहले से ही व्यवस्था बना ली थी कि श्री गडकरी का काफिला टोल प्लाजा पर नहीं रूके और दूर से ही पुलिस की गाडिय़ों के सायरन और स्पीड से कांग्रेसियों को डराने की कोशिश की गई फिर भी ज्ञापन देने के लिए श्री डागा काफिले के वाहनों के साथ दौड़ पड़े थे।
                                                                                                                                
				            
				            
				            
				            
                            
                                        
                                        
				            
				            
				            
				            
			        
			        
			        
			        
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