यथावत लगाओ मेला, वरना करेंगे बहिष्कार
मुलताई में कार्तिक पूर्णिमा मेला स्थल को लेकर गरमाई बहस; रहवासी और व्यापारी दोनों ने जताई आपत्ति
Controversy: मुलताई। नगर पालिका द्वारा इस वर्ष कार्तिक पूर्णिमा (5 नवम्बर) से लगने वाले पारंपरिक ताप्ती मेले के लिए झूलों और दुकानों के नए स्थान निर्धारित किए जाने पर विवाद खड़ा हो गया है।
नगर के व्यापारियों ने प्रस्तावित स्थल को असुरक्षित और अनुपयुक्त बताते हुए जमकर विरोध किया और मेला पूर्ववत स्थान पर लगाने की मांग की है।
⚠️ “दलदली जमीन पर झूले लगाना खतरे से खाली नहीं”
व्यापारियों का कहना है कि नगरपालिका ने झूलों के लिए जो नया स्थल मकानों के पीछे प्रस्तावित किया है, वहां की जमीन काली मिट्टी वाली और दलदली है।
निवासियों के निस्तार का पानी उस क्षेत्र में जमा रहता है, जिससे झूले धंस सकते हैं और कभी भी बड़ी दुर्घटना घट सकती है।
होटलों और दुकानों के स्थान बदलने से गंदे पानी और कचरे की समस्या भी बढ़ने की आशंका जताई गई है।
🏛️ बैठक रही बेनतीजा
शनिवार को नगरपालिका सभाकक्ष में इस मुद्दे पर बैठक आयोजित की गई, जिसमें नपा अध्यक्ष वर्षा गढेकर, सीएमओ वीरेन्द्र तिवारी, पार्षद डॉ. जी.ए. बारस्कर, अजय यादव, महेंद्र “पिल्लू” जैन, सुरेश पौनीकर, शिल्पा शर्मा, सुमित शिवहरे, शेख जाकिर, मारोती पवार सहित कई व्यापारी उपस्थित थे।
बैठक में व्यापारियों ने एकमत से “मेला यथावत रखने” की मांग रखी, लेकिन कोई निर्णय नहीं हो सका।
नगर पालिका ने अपने प्रस्ताव पर अडिग रहते हुए कहा कि मेला उसी स्थल पर लगेगा, जहां प्रस्तावित किया गया है।
✊ व्यापारियों का धरना, नारेबाजी और ज्ञापन
बैठक असफल रहने के बाद नाराज व्यापारियों ने नगर पालिका कार्यालय के मुख्य द्वार पर धरना दिया और नारेबाजी की।
बाद में उन्होंने एसडीएम को संबोधित ज्ञापन नायब तहसीलदार राजकुमार उइके को सौंपा, जिसमें स्पष्ट चेतावनी दी गई —
“यदि मेला पूर्वानुसार स्थान पर नहीं लगाया गया, तो व्यापारी मेले का बहिष्कार करेंगे।”
ज्ञापन में यह भी उल्लेख किया गया कि होटलों का स्थान बदलने से गंदा पानी अन्य दुकानों के सामने फैलेगा, जिससे शांति भंग और असुविधा की स्थिति बनेगी।
🏠 रहवासी भी विरोध में
रेलवे स्टेशन रोड के पास स्थित रहवासी क्षेत्र के लोगों ने भी झूलों की नई जगह का विरोध किया है।
उन्होंने सीएमओ को सौंपे ज्ञापन में कहा कि झूले घरों के बहुत नजदीक लगाए जा रहे हैं, जिससे
- बुजुर्गों और बीमार लोगों को परेशानी होगी,
- बच्चों की पढ़ाई प्रभावित होगी,
- और सुरक्षा जोखिम बढ़ जाएगा।
रहवासियों ने मांग की है कि झूले पूर्व की तरह आवासीय क्षेत्र से दूर लगाए जाएं।
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