Tax evasion: इंदौर। मध्य प्रदेश में जीएसटी राजस्व संग्रहण में लगातार गिरावट के संकेत मिल रहे हैं। अक्टूबर 2025 तक की स्थिति में पिछले वित्त वर्ष की तुलना में करीब ₹2,500 करोड़ रुपये से अधिक की कमी दर्ज की गई है। हैरानी की बात यह है कि दीपावली जैसे प्रमुख कारोबारी माह में भी वाणिज्यिक कर विभाग अपना कैश टैक्स कलेक्शन लक्ष्य पूरा नहीं कर सका। विभाग के अधिकारियों का कहना है कि यह असर जीएसटी 2.0 प्रणाली में हुए सुधारों के कारण पड़ा है, जबकि जमीनी स्तर पर टैक्स चोरी रोकने की कार्रवाई न के बराबर है।
जानकारी के अनुसार, पिछले वर्ष अक्टूबर तक विभाग ने ₹23,501 करोड़ कर संग्रह किया था, जबकि इस वर्ष यह आंकड़ा घटकर ₹20,885 करोड़ के आसपास रह गया। अनुमान है कि वित्त वर्ष 2025–26 में कुल राजस्व संग्रहण में लगभग ₹8,500 करोड़ की कमी हो सकती है। दीपावली माह अक्टूबर के लिए विभाग ने ₹80 करोड़ कैश टैक्स कलेक्शन का लक्ष्य तय किया था, परंतु संग्रहण लक्ष्य से करीब ₹15 करोड़ पीछे रहा।
रिपोर्ट्स के अनुसार, राज्य जीएसटी की एंटी इवेजन विंग को दो वर्ष पूर्व निष्क्रिय कर दिया गया, जिससे टैक्स चोरी की निगरानी कमजोर पड़ी है। शिकायतें हैं कि विभाग ने टैक्स चोरी की सूचना देने की कोई हेल्पलाइन भी जारी नहीं की, और दी गई शिकायतों पर भी कार्रवाई नहीं हो रही।
इस पर प्रतिक्रिया देते हुए स्टेट जीएसटी कमिश्नर धनराजू एस ने कहा, “टैक्स कलेक्शन के आंकड़े कहां से मिले, मैं नहीं जानता। टैक्स चोरी की जानकारी देना आपका काम है, कार्रवाई करना हमारा लुकआउट है।”
विशेषज्ञों का मानना है कि यदि एंटी इवेजन विंग को सक्रिय नहीं किया गया और निगरानी तंत्र को सशक्त नहीं बनाया गया, तो आने वाले महीनों में राज्य को गंभीर राजस्व घाटे का सामना करना पड़ सकता है।
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