Accidents: सांवलमेंढ़ा। ग्राम पंचायत कोथलकुण्ड में ग्रामीणों के खेतों में बिजली के झूलते व लटकते तार हादसों को निमंत्रण दे रहे हैं। लेकिन इन तारों को व्यवस्थित कराने के लिए ऊंचे कराने के लिए ना संबंधित विभाग ध्यान देता है और ना ही ग्राम के जिम्मेदार जनप्रतिनिधि ध्यान देते हैं। यह बिजली के झूलते तार इतने नीचे है कि उन्हें हाथों से पकड़ा जा सकता है जिससे इन तारों से टकराने की संभावना अधिक है लेकिन संबंधित विभाग ना ही ध्यान दे रहा है और ना ही उनके पास तारों को व्यवस्थित करने के लिए कार्य योजना है। कुछ स्थानों में बिजली के तारों से आए दिन स्पार्किंग होती रहती है। बिजली के लटकते तार कई वर्ष पुराने हो चुके हैं। खम्भे के कारण एक दूसरे के सपोर्ट पर तार लटके हुए हैं खेतों से महज एक फीट दूरी पर बिजली के तार लगे हुए हैं।
आए दिन होती है स्पार्किंग
बिजली के झूलते तारों के आपस में टकराने की वजह से स्पार्किंग होती है और वहीं किसानों के खेत में गेहूं की फसल लहलहा रही है। किसानों का कहना है कि स्पार्किंग से फसल में आग लगने का डर हमेशा बना रहता है। ग्रामवासियों ने मांग की है कि इन खंभों के ऊपर लगे झूलते तारों को खींचकर सही किया जाए जिससे समस्या का समाधान हो सकें
हादसों के इंतजार में अधिकारी
कोथलकुण्ड में किसानों के खेत में झूल रहे तार हादसों को निमंत्रण दे रहे है बीते एक महीने की बात है ग्राम कोथलकुण्ड बस स्टैंड में खेत में काम कर रहे एक युवक की झूलते बिजली के तार से टकराने की वजह से मौत हो गई थी जिससे ग्रामीणों में खासा आक्रोश है। ग्रामीणों का कहना है कि ऐसा लगता है कि जैसे विभाग हो रहे हादसों के बाद भी नए हादसे के इंतजार में हैं। ग्रामीणों ने बताया कि कई बार लाइनमैन को खेत में झूल रहे तारों की जानकारी दी गई विभागीय अधिकारियों से भी शिकायत की गई है इसके बावजूद विभाग के अधिकारियों के द्वारा इसे बदलने की पहल नहीं की जा रही है। इस कारण स्थिति जस की तस बनी हुई है। ग्रामीणों का कहना है कि यदि कोई दुर्घटना होती है तो इसकी सारी जिम्मेदारी विद्युत विभाग की होगी यदि जल्द ही झूलते तार नहीं बदले गए तो व्यापक रूप से आंदोलन किया जाएगा।
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