Accidents: अहमदाबाद | 12 जून को अहमदाबाद से लंदन के लिए रवाना हुए एयर इंडिया के विमान हादसे ने सैकड़ों परिवारों को गहरे शोक में डुबो दिया। उसी विमान में सवार थे वैष्णव रमणलाल परीख, जो फादर्स डे पर अपने बेटे कुणाल और बेटी जान्हवी से मिलने लंदन जा रहे थे। मगर नियति को कुछ और ही मंजूर था।
✈️ लंदन की बजाय जीवन की अंतिम यात्रा
अहमदाबाद के मेघाणी नगर में हादसे का शिकार हुआ यह विमान टेकऑफ के कुछ ही सेकंड बाद दुर्घटनाग्रस्त हो गया। इस भीषण हादसे में 229 यात्री और 12 क्रू मेंबर्स की दर्दनाक मौत हो गई।
उन यात्रियों में वैष्णव परीख भी शामिल थे — एक सेवानिवृत्त कृषि अधिकारी, जिनकी पत्नी का निधन कुछ माह पहले ही हुआ था। अकेलेपन में जी रहे परीख को उनका बेटा कुणाल और बेटी जान्हवी लंदन बुला रहे थे, ताकि पिता को अपनत्व का साथ मिल सके।
📱 आख़िरी कॉल, आख़िरी उम्मीद
फ्लाइट में सवार होने से ठीक पहले परीख ने बेटे कुणाल को फोन किया था, “मैं विमान में बैठ गया हूँ, जल्दी मिलेंगे।” उस क्षण शायद किसी ने नहीं सोचा होगा कि यह उनकी आख़िरी बात होगी। कुछ मिनट बाद ही कुणाल को जो खबर मिली, वह उसकी ज़िंदगी का सबसे बड़ा सदमा बन गई।
💔 परिवार का टूटा सपना
कुणाल ने पिता को लंदन लाने की वर्षों पुरानी कोशिशों के बाद इस बार मना लिया था। वह 15 जून को फादर्स डे पर अपने पिता के साथ पहली बार बाहर समय बिताने को लेकर बेहद उत्साहित था। लेकिन आज वह केवल इस उम्मीद में अहमदाबाद लौट रहा है कि वह अपने पिता के अवशेष देख सके।
जान्हवी और कुणाल अब भारत लौट रहे हैं, जहां उन्हें अपने पिता की पहचान DNA टेस्ट के बाद ही संभव हो पाएगी।
🗨️ एक पीड़ा, जो रह जाएगी ताउम्र
यह घटना सिर्फ़ एक हादसा नहीं, बल्कि एक बेटे और बेटी के भावनात्मक संसार के टूटने की कहानी है। एक पिता, जो अकेलेपन से भागकर बच्चों के पास जा रहे थे — लेकिन जिस विमान ने उन्हें अपनत्व की ओर ले जाना था, वही उनकी अंतिम यात्रा का माध्यम बन गया।
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